उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने घोर आपत्ति व्यक्त की है।  


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने घोर आपत्ति व्यक्त की है।  


   


डेस्क


  कोरोना के लगातार बढ़ते हुए मामलों के  बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व घोषित हॉट स्पॉट जोन एवं कन्टेन्टमेन्ट जोन में स्थित तथा कोविड-19 के इलाज में संलग्न मेडिकल विश्वविद्यालय की बाउन्ड्रीवाल से लगे हुए राजधानी लखनऊ के विद्यालयों में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हठधर्मिता का परिचय देते हुए यू0पी0 की हाई स्कूल तथा इण्टर परीक्षा 2020 की परीक्षा की कापियों  का मूल्यांकन कराया जा रहा  है जिस पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने घोर  आपत्ति व्यक्त की है।      
 


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय नेतृत्व के मूल्यांकन बहिष्कार के आवाहन के अन्तर्गत आज विभिन्न मूल्यांकन केन्द्रों पर अधिकां शिक्षकों ने आज मूल्यांकन कार्य् में हिस्सा नही लिया और उन्होने अपनी चट्टानी एकता का परिचय देते हुए मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया। लखनऊ के जिला संगठन के पदाधिकारी एवं सक्रिय कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मूल्यांकन केन्द्रों पर की गई व्यवस्था को नाकाफी बताया है तथा कहा है कि कुछ मूल्यांकन केन्द्रों में सोशल डिस्टेंन्सिंग का पालन विल्कुल नही कराया जा रहा है। शिक्षकों को पास-पास बैठा कर मूल्यांकन कराए जाने को बाध्य किया जा रहा है। हालाकि मूल्यांकन केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी गई है फिर भी 500 से 1000 हजार या अधिक शिक्षक मूल्यांकन हेतु तैनात किए गए हैं। उनके लिए पेयजल एवं प्रसाधन व्यवस्था के लिए घोषित स्वास्थ्य के मानदण्डों का कोई पालन नही किया जा रहा  है। लखनऊ के रेड जोन घोषित होने तथा लाक डाउन के चलते आवागमन के लिए आटो, टेम्पो, बस, मेट्रो आदि के उपलब्ध न होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षक एवं शहरी क्षेत्र में विा रूप से महिला शिक्षिकाओं को मूल्यांकन केन्द्रों पर पहुंचना सम्भव नही हो पा रहा है।   
           उत्तर प्रदे माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं जिला संरक्षक डा0 आर0पी0 मिश्र, जिधाध्यक्ष डा0 आर0के0 त्रिवेदी, जिलामंत्री अरुण कुमार अवस्थी एवं पूर्व अध्यक्ष एस0के0एस0 राठौर ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि कोरोना संक्रमण एवं लाक डाउन के चलते संगठन के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने सी0बी0एस0ई0 की भांति शिक्षकों के घर उत्तर पुस्तिकाएं भेज कर मूल्यांकन कराये जाने की मांग की गयी थी किन्तु सरकार अपनी हठधर्मिता के चलते शिक्षकों को कोरोना संक्रमण की ओर धकेल रही है। शिक्षक नेताओं ने बताया कि लखनऊ में पोस्टमार्टम हाउस के सामने स्थित राजकीय हुसैनाबाद इण्टर कालेज को मूल्यांकन केन्द्र बनाया गया है। शिक्षकों को मार्चुरी के सामने, जहां कोरोना संक्रमण से मृतक का भी पोस्ट मार्टम किया जाता है, तथा जहा शव के साथ आये हुए परिजनों के बीच से आने जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इसी प्रकार कैरबाग सब्जी मण्डी, नजीराबाद घोात कन्टेन्टमेन्ट जोन के 500 मीटर के अन्तर्गत ही अमीनाबाद इण्टर कालेज को मूल्यांकन केन्द्र बनाया गया है। अधिकांश शिक्षकों को कैरबाग और नजीराबाद से हो कर मूल्यांकन केन्द्र जाना पह़ रहा है। राजकीय जुबिली इ0का0 कंटेन्टमेन्ट जोन और मेडिकल यूनिवर्सिटी से सटा हुआ है और वहां भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। इस प्रकार देखा जाय तो अधिकांश मूल्यांकन केन्द्र खतरनाक वातावरण के मध्य बनाए गए  है। शिक्षाधिकारी और सरकार द्वारा लखनऊ के सम्बन्ध में मूल्यांकन में लगाए गए शिक्षकों को कोरोना से बचाने के लिए कोई प्रयास नजर नही आ रहे  हैं ।
                प्रेम चन्द भारती
  वरिष्ट संवाददाता रायबरेली