सूरत में घर जाने की मांग कर रहे हजारों मजदूर सड़कों पर, किया हंगामा, पुलिस ने मजदूरों पर किया लाठीचार्ज


-मजदूर बसों में सवार होकर जब शहर से बाहर पहुंचे तो यहां उन्हें आगे जाने से रोक दिया गया, तपती धूप में ना खाने पीने का इंतजाम, घऱ जाने के लिए वो बेचैन..



-मजदूर कई दिनों से घर जाने की मांग कर रहे हैं प्रशासन की ओर से बार-बार भरोसा दिया जा रहा था मजबूर आज आपा खो दिया और घरों से बाहर निकल कर हंगामा करने लगे..


लखनऊ—गुजरात-सूरत, 05 मई 2020, गुजरात के सूरत में एक बार फिर प्रवासी मजदूर सड़कों पर आ गए, कडोदरा इलाके में लोगों हजारों प्रवासी मजदूरों ने हंगामा किया और गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की है, खबर मिलते ही मौके पर पुलिस टीम पहुंच गई और लाठीचार्ज करके मजदूरों को वापस खदेड़ा गया है, बताया जा रहा है कि अभी भी माहौल तनावपूर्ण है।


खबरों के मुताबिक, कडोदरा इलाके में रहने वाले मजदूर कई दिनों से घर जाने की मांग कर रहे हैं, मजदूरों के अनुसार उन्हें पर्याप्त खाना नहीं मिल रहा है कोरोना वायरस संकट के दौरान वे यहां असुरक्षित हैं लेकिन प्रशासन की ओर से बार-बार भरोसा दिया जा रहा था तब किसी तरह पुलिस ने मजदूरों को समझकर शांत किया था, लेकिन मजदूर आज आपा खो दिए और घरों से बाहर निकलकर हंगामा करने लगे, मजदूरों ने ना सिर्फ हंगामा किया बल्कि आस-पास खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की, मौके पर पुलिस टीम पहुंच गई है।


इससे पहले सूरत प्रशासन ने मजदूरों को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान की तरफ लग्जरी बसों से जाने की अनुमति दी और मजदूर बसों में सवार होकर जब शहर से बाहर पहुंचे तो यहां उन्हें आगे जाने से रोक दिया गया था, तपती धूप में ना खाने पीने का इंतजाम और उपर से प्रशासन द्वारा रोके जाने से मज़दूरों की हालत और खराब हो गई थी।


सूरत के पांडेसरा इलाके में मजूदरों को सड़क पर उतार दिया गया था, मजदूरों ने इस दौरान सोशल डिस्टेनसिंग का ख्याल रखा, लेकिन घऱ जाने के लिए वो बेचैन थे, उनसे प्रति व्यक्ति की दर से 3500 रुपये भी वसूला गया था, सूरत के कलेक्टर धवल पटेल से जब मजदूरों को रोके जाने के बारे में पूछा गया था तो वह आग बबूला हो गए थे।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी