रोजा खोलने के बाद किया प्लाज्मा डोनेशन, कोरोना से जंग जीत चुके दो मरीजों ने दान किया प्लाज्मा, कहा इंसानियत की सेवा से बड़ा और कुछ नहीं 


संक्रमण को हराने के बाद सिद्धार्थनगर निवासी दो मरीजो ने प्लाज्मा डोनेशन का फैसला किया, इसके लिए लखनऊ केजीएमयू में संपर्क साधा..


280 किलोमीटर का सफर तय कर दोनों लोग लखनऊ केजीएमयू पहुंचे, यहां प्लाज्मा देने से पहले जांच कराई, जांच में दोनों लोग फिट आए..


लखनऊ, 12 मई 2020, कोरोना से जंग जीत चुके दो और लोगों ने प्लाज्मा दान किया है। रोजा खत्म करने के बाद सोमवार देर रात केजीएमयू में प्लाज्मा दान करने की प्रक्रिया पूरी की। अब तक केजीएमयू में पांच लोगों ने कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा डोनेशन किया है।


280 किलोमीटर का तय किया सफर..


इस के गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए दो लोगों ने नेक काम के लिए कदम बढ़ाया। संक्रमण को हराने के बाद सिद्धार्थनगर निवासी दो मरीजो ने प्लाज्मा डोनेशन का फैसला किया। इसके लिए केजीएमयू में संपर्क साधा। तीन दिन पहले दोनों डोनर को लखनऊ बुलाया गया। 280 किलोमीटर का सफर तय कर दोनों लोग केजीएमयू पहुंचे। यहां प्लाज्मा देने से पहले जांच कराई। जांच में दोनों लोग फिट पाए गए।


इंसानियत से सेवा से बड़ा कुछ नहीं..


सोमवार को प्लाज्मा डोनेशन का दिन मुकर्रर हुआ। देर रात रोजा खोलने के बाद दोनों ने प्लाज्मा डोनेशन किया। दोनों मरीजों का कहना है कि इंसानियत की सेवा से बड़ा कुछ और नहीं है। कोरोना संक्रमण ने दुनिया में तबाही मचा रखी है। हम लोग भी संक्रमण से मुकाबला कर चुके हैं। ऐसे में दूसरे मरीजों की जान बचाने के लिए हम लोग हर वक्त तैयार हैं।


कोरोना को हराने में मिलेगी मदद..केजीएमयू ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चन्द्रा ने बताया कि फैजान और जावेद ने कोरोना को हरा चुके हैं। बीते 12 अप्रैल को ठीक होने के बाद दोनों की अस्पताल से छुट्टी की गई थी। 28 दिन बाद ही प्लाज्मा लिया जा सकता था। एक मरीज का एबी ब्लड ग्रुप है। वहीं दूसरे का ए पॉजिटिव। उन्होंने बताया कि दोनों में कोरोना से मुकाबला करने में पर्याप्त एंटीबॉडीज हैं।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी