मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए प्रियंका की बसों में लगा फिटनेस सर्टिफिकेट का ब्रेक, ये मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित


-पहले सरकार ने बसों की सूची मांगी, अब बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट और ड्राइवरों के लाइसेस सहित सभी दस्तावेज तैयार डीएम ऑफिस में जमा करने को कहा गया–



-एक हजार बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र और ड्राइवरों का पूरा ब्योरा, समस्त बसों सहित उनका फिटनेस सर्टिफिकेट एवं चालक के ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ही साथ परिचालक का पूर्ण विवरण–



-प्रवासी मजदूरों को घर भेजने में मदद करना भी इतना पेचीदा और और कागजी कारवाही से भरा हुआ, कैसे कोई इन मजबूर, मजदूरों की मदद करें, सरकार की ये मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित–


लखनऊ, 19 मई 2020, कोरोना वायरस के चलते गए लॉकडाउन में फंसे यूपी के प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए कांग्रेस की ओर से एक हजार बसें उपलब्ध कराने के पत्र पर यूपी सरकार और प्रियंका गांधी के बीच लेटर वार शुरू हो गया है। पहले सरकार ने बसों की सूची मांगी, इसके बाद अब मंगलवार दस बजे तक बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट और ड्राइवरों के लाइसेस सहित सभी दस्तावेज लखनऊ डीएम ऑफिस में जमा करने को कहा गया है। देर रात प्रियंका गांधी के निजी सचिव की ओर से पत्र जारी कर कहा गया कि यह मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित लगती है। इसके बाद मंगलवार को सरकार ने बसें नोएडा और गाजियाबाद में ही जमा करने को कहा। 
आइए जानते हैं इस मामले में अब तक क्या क्या हुआ : 


16 मई : प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के पत्र के मुताबिक प्रियंका गांधी ने गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर से 500 और नोएडा बॉर्डर से 500 बसें चला कर लाॅकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने की अनुमति मांगी थी। 
18 मई :  अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी  की तरफ से एक पत्र जारी किया गया जिसमें कहा गया प्रवासी मजदूरों के संबंध में आप के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है।  अतः अविलंब 1000 बसों की सूची चालक परिचालक का नाम व अन्य विवरण सहित उपलब्ध कराने का कष्ट करें। जिससे इनका उपयोग प्रवासी श्रमिकों की सेवा में किया जा सके। 
18 मई : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को एक हजार बसों की सूची ई मेल कर दी। इसी के साथ संदीप सिंह ने कहा कि हम कल बसों को दोबारा बॉर्डर पर चलने के लिए तैयार कर देंगे। 1000 बसों की सूची इस ईमेल के साथ अटैच की गई है। इनमें से कुछ चालको का दोबारा वेरिफिकेशन कर उनकी सूची भी कुछ घंटों में आप तक पहुंचाई जाएगी। आशा है जल्द से जल्द इन बसों के लिए  अनुमति पत्र उपलब्ध करा देंगे। इन बसों का कल ही संचालन चालू करवा देंगे और इन बसों के रूट की पूरी जानकारी और समय सारणी जनसाधारण को उपलब्ध करा देंगे।


एक हजार बस चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए प्रियंका ने धन्यवाद दिया था..कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रदेश सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए कांग्रेस के एक हजार बस चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने सीएम को टैग करते हुए ट्वीट किया है कि महामारी के समय इंसान की जिंदगी को बचाना, गरीबों की रक्षा करना, उनकी गरिमा की हिफाजत करना हमारा नैतिक दायित्व और अधिकार है। कांग्रेस इस कठिन समय में अपनी पूरी क्षमता और सेवाव्रत के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रही है। ये बसें हमारी सेवा का विस्तार हैं। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पैदल चलते हुए हजारों भाई-बहनों की मदद करने के लिए, कांग्रेस के खर्चे पर 1000 बसों को चलवाने की इजाजत देने के लिए आपको धन्यवाद...। आपको उप्र कांग्रेस की तरफ से मैं आश्वस्त करती हूं कि हम सकारात्मक भाव से महामारी और उसके चलते लॉकडाउन की वजह से पीड़ित उत्तर प्रदेश के अपने भाई-बहनों के साथ इस संकट का सामना करने के लिए खड़े रहेंगे।
 
18 मई :  अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से प्रियंका के निजी सचिव को चिट्ठी लिख कर कांग्रेस द्वारा भेजी जाने वाली एक हजार बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र और ड्राइवरों का पूरा ब्योरा मांगा। उन्होंने लिखा कि कृपया समस्त बसों सहित उनका फिटनेस सर्टिफिकेट एवं चालक के ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ही साथ परिचालक का पूर्ण विवरण मंगलवार सुबह 9 बजे वृंदावन योजना सेक्टर 15-16 में जिलाधिकारी लखनऊ को उपलब्ध कराने का कष्ट करें।  
19 मई : प्रियंका गांधी के निजी सचिव ने रात 2 बजे एक पत्र लिख जवाब दिया कि आपने 1000 बस तमाम दस्तावेजों सहित लखनऊ में सुबह 10:00 बजे बसें हैंडओवर करने की बात कही है। उन्होंने लिखा कि 1000 खाली बसे लखनऊ भेजना ना सिर्फ समय की बर्बादी और संसाधन की बर्बादी है। उन्होंने लिखा कि आपकी सरकार की यह मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित लगती है। 
19 मई : सरकार ने दोपहर 12 बजे तक पांच सौ बस गाजियाबाद और 500 बस गौतमबुद्ध नगर में भेजने को  कहा। सरकार की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि इन बसों को परमिट, ड्राइवर के डीएल आदि के साथ भेजे। वहां मौजूद अधिकारी इनकी जांच करके  इनका उपयोग करेंगे।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी