अमर हो गई याकूब और अमीत की दोस्ती 


अमर हो गई याकूब और अमीत की दोस्ती 


कोरोना का दौर खत्म होना चाहिए, पर ऐसी हकीकत गंगा जमुनी तहजीब का नहीं.


गुजरात के सूरत से उत्तरप्रदेश लौट रहे मजदूर अमीत कुमार में कोरोना जैसे लक्षण दिखने पर जब ट्रक ड्राइवर ने रास्ते में मध्य प्रदेश के शिवपुरी के पास ही उतार दिया तो अपने बीमार दोस्त के साथ मोहम्मद याक़ूब भी उतर गया। जब तक स्थानीय लोगों की मदद से अमीत कुमार को हॉस्पिटल नहीं भेजा गया, तब तक मोहम्मद याक़ूब  अपने दोस्त का सिर अपनी गोद मे लिए बैठा रहा। ये है हमारे मुल्क की असली तस्वीर जिसे सियासत और  राजनेता  भड़काऊ भाषण देकर सिर्फ और सिर्फ  हिंदू और मुस्लिम मे लड़ाने का काम करते हैं बताते चलें कि आज गंगा और जमुनी की तहजीब देखने को मिला कुछ दिनों से यह इमेज सोशल मीडिया पर काफी प्रचलित है लोगों का कहना है कि जहां लोग करोना महामारी में अपनी जान बचाने में लगे हैं वही एक मुस्लिम समुदाय का एक लड़का अपने दोस्त के खातिर अपनी जान की बाजी लगा दी और सहायता के लिए लोगों से अपील भी किया यह होता है इंसानियत, इंसानियत से बढ़कर इस दुनिया में कुछ भी नहीं है एक लोग दूसरे लोगों का मदद करें ताकि भविष्य मे किसी भी राजनेता के बहकावे मे ना आवे और अपने दिमाग से स्वयं सोचे और एक दूसरे की मदद करें क्योंकि इंसान ही इंसान के काम आता है बाकी तो वैसे भी पुरी दुनिया स्वार्थी है


रिपोर्ट @ सलामुद्दीन,अंसारी