यूपी में पुलिसवालों को आदेश, राहत सामग्री देते वक्त न ले लोगों की फोटो


राहत सामग्री लेने में कतरा रहे लोग, मदद के वक्त पुलिसकर्मी न खींचे फोटो



कोरोना संकट के कारण देश में 21 दिनों का लॉकडाउन, जिसके कारण गरीब लोगों के आगे रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो चुकी है, उत्तर प्रदेश में डायल 112 के पुलिसकर्मियों के लिए आदेश..



लखनऊ, 09 अप्रैल 2020, उत्तर प्रदेश पुलिस की आपातकालीन सेवा 112 के अपर पुलिस महानिदेशक असीम अरुण ने कहा है कि पुलिस की गाड़ियों (पीआरवी) में तैनात पुलिसकर्मी कोविड-19 लॉकडाउन में फंसे लोगो को राहत सामग्री बांटते समय उनकी फोटो न खींचे।महानिदेशक असीम अरुण ने उत्तर प्रदेश के सभी पुलिस कप्तानों को भेजे गए पत्र में कहा है कि पीआरवी द्वारा राहत सामग्री पहुंचाते समय संबंधित की फोटो खींची जाती है जो सोशल मीडिया तक पहुंच जाती है। ऐसा संज्ञान में आया है कि अपना चेहरा सार्वजनिक होने के डर से जरूरतमंद लोग राहत सामग्री प्राप्त करने से कतरा रहे हैं।


उन्होंने कहा कि अत: आप अपने जनपदों में संचालित पीआरवी को राहत सामग्री देते हुए फोटो न खींचे जाने और इस प्रकार की फोटो किसी भी प्रकार के सोशल एप्स पर पोस्ट न करने संबंधी निर्देश निर्गत करें। एडीजी अरुण ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अभी तक 112 नंबर पर फोन आने के बाद करीब 91 हजार लोगों को भोजन, दवाई आदि पीआरवी के सिपाहियों द्वारा उपलब्ध कराई जा चुकी है। इसके अलावा हजारों लोगो को बिना फोन काल के भी मदद की जा रही है और यह सिलसिला लगातार जारी है।
उन्होंने बताया कि करीब 1100 महिला और पुरूष पुलिस कर्मी एक भवन के अंदर इमर्जेंसी सेवाओं के 112 नंबर पर आई फोन काल रिसीव करते है जबकि पूरे प्रदेश में 35 हजार पीआरवी (पुलिस की गाडि़यों) पर हजारों जवान चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और कोरोना वायरस के कारण लाकडाउन में आम जनता की उनके दरवाजे पर जाकर मदद कर रहे हैं।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी