ताली-थाली के शोर या दीया-टार्च जलाकर मनोरंजन भले हो, कोरोना का उपचार नही-अखिलेश यादव


ताली-थाली के शोर या दीया-टार्च जलाकर मनोरंजन भले हो, कोरोना का उपचार नही-अखिलेश यादव



कहा प्रधानमंत्री को प्रतीकात्मक कर्मकांडों के बजाय चिंता करनी चाहिए गरीबों के घरों के चूल्हे की आग ठंडी न हो..



लखनऊ, 05 अप्रैल, 2020, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता जा रहा है। ऐसे में अब दीर्घकालीन व्यवस्थाएं करनी होंगी। ताली-थाली के शोर या दीया-टार्च जलाकर रोशनी जैसे प्रतीकात्मक कर्मकांडों से मनोरंजन भले हो, लेकिन कोरोना का उपचार नहीं होगा।अखिलेश यादव ने रविवार को जारी किए गए बयान में कहा कि प्रधानमंत्री को प्रतीकात्मक कर्मकांडों के बजाय चिंता करनी चाहिए कि गरीबों के घरों के चूल्हे की आग ठंडी न हो। गरीबों के बच्चे दूध के बिना भूखे न सोएं और नौजवानों की आंखो में भविष्य को लेकर धुंध न पनपे।


अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सरकारी प्रयासों के अतिरिक्त सपा के नेता, कार्यकर्ता देशव्यापी लॉकडाउन में भूखे, प्यासे, गरीबों और असहायों की लगातार मदद कर रहे हैं।


सरकार को कोरोना आपदा के बाद की परिस्थितियों से निपटने की रणनीति पर काम करना चाहिए..



सरकार को कोरोना आपदा के बाद की परिस्थितियों से निपटने की रणनीति पर काम करना चाहिए। नोटबंदी, जीएसटी के दुष्प्रभाव से तमाम उद्योग-धंधे पहले ही बरबादी की कगार पर पहुंच गए थे जिन्हें लॉकडाउन ने पूरी तरह बंद कर दिया। इससे  बेरोजगारी का संकट बढ़ेगा। इस पर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी