शिक्षकों को  स्वेच्छा से अपनी धनराशि सीधे प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री राहत कोष  में भेजनी चाहिए

शिक्षकों को  स्वेच्छा से अपनी धनराशि सीधे प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री राहत कोष  में भेजनी चाहिए


 


 उत्तर प्रदेश


डा. महेंद्र नाथ राय


सुनील दत्त (शिक्षक नेता)


जिला उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ रायबरेली


इंटर कॉलेज गौरा रायबरेली


 


    आज पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है । माननीय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री जी के आह्वान पर देश के लोग प्रधानमंत्री राहत कोष एवं मुख्यमंत्री राहत कोष में अपनी तरफ से आर्थिक मदद कर रहे हैं। कुछ शिक्षक नेता जो स्वयं वेतन नहीं पाते हैं लेकिन वेतन भोगी शिक्षकों के ठेकेदार बने हुए हैं । उन्होंने सरकार से सारे शिक्षकों के एक दिन का वेतन राहत कोष में देने की घोषणा की। शिक्षक  बुद्धिजीवी है , वह देश और समाज की परिस्थितियों को समझता है । कब देश को आर्थिक सहयोग देना है , कब नहीं देना है । यह शिक्षक भली भांति जानता है ।अतः शिक्षकों के वेतन का ठेकेदार बनने की आवश्यकता किसी दूसरे को नही है। देश और समाज की दशा को देखकर सारे शिक्षक भी इस महामारी से लड़ने के लिए सरकार के साथ हैं। जो भी शिक्षक आर्थिक मदद देना चाहते हैं, वे स्वेच्छा से प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करें।  सीधे प्रधानमंत्री/ मुख्यमंत्री राहत कोष में दी गई धनराशि आयकर मुक्त होगी । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के  प्रदेशीय मंत्री/ प्रवक्ता डा.महेंद्र नाथ राय ने कहा है कि शिक्षक गण सीधे सरकार को अपनी आर्थिक मदद दें, किसी बिचौलिए या ठेकेदार के माध्यम से नहीं। बिचौलिए उनकी मदद पर अपनी नेतागिरी चमकाएंगें जबकि देने वाले को कोई लाभ नही मिलेगा। हमें कितना दान देना है , कितना नही, यह तय करने वाला कोई और नही हो सकता है।  हो सकता है कुछ शिक्षक 500/ का दान करें, तो कुछ शिक्षक 5000/ का , तो कुछ शिक्षक 50000/ का या इससे अधिक दान कर सकते हैं । यह  तय करने वाला कोई और  कैसे हो सकता है  कि कौन सा शिक्षक कितना आर्थिक सहयोग देगा।


      अतः शिक्षकों को  स्वेच्छा से अपनी धनराशि सीधे प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री राहत कोष  में भेजनी चाहिए।


 दीपक कुमार