शब-ए-बारात पर मुस्लिमों ने दिया जिम्मेदार नागरिक होने का सबूत, लखनऊ में तमाम धर्मगुरुओं ने अपने समाज के इस रुख की प्रशंसा की


-मौलाना खालिद रशीद ने तमाम मुसलमानों से कहा आपने जो जिम्मेदार नागरिक होने का सबूत दिया, ये संदेश दूर तक जाएगा..


 -लॉक डाउन का पालन करते हुए शब ए बारात पर पुरखों की कब्रों पर हाज़िरी न देकर घरों में इबादत करने पर पत्रकार जाहिद अली ने सभी को दिया धन्यवाद..


लखनऊ, 10 अप्रैल 2020, कोरोना महामारी के बीच बुधवार को पूरे देश में मुस्लिमों का प्रमुख पर्व शब-ए-बारात मनाया गया। इस दौरान सभी राज्यों व जनपदों में लाॅकडाउन का ख्याल रखते हुए मुस्लिम समाज ने कब्रिस्तान जाने से परहेज किया। सभी ने अपने घरों पर ही मरहूमों के लिए फातिहा पढ़ी और अल्लाह से दुआ मांगी। लखनऊ में तमाम धर्मगुरुओं ने अपने समाज के इस रुख की प्रशंसा की है।
शुक्रवार को अपने एक जारी बयान में शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने लोगों का शुक्रिया अदा किया। मौलाना ने कहा, सभी मुसलमानों ने शब-ए-बारात पर अपने घरों में रहकर इबादत की। सभी ने पुरअम्न तरीके से पर्व को मनाया। सभी ने उलेमा और सरकार की अपील को कुबूल किया। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। आगे भी लॉकडाउन का पालन करते रहें। क्योंकि कोरोना महामारी से लड़ने का यही एकमात्र हथियार है।


-मौलाना खालिद रशीद ने तमाम मुसलमानों से कहा आपने जो जिम्मेदार नागरिक होने का सबूत दिया है, ये संदेश दूर तक जाएगा..



 मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी लाॅकडाउन का पालन करने के लिए सभी मुसलमानों को धन्यवाद दिया है। धर्मगुरू ने कहा, सभी मुसलमानों ने घर पर रहकर शब-ए-बारात मनाई। आपने जो जिम्मेदार नागरिक होने का सबूत दिया है, यह संदेश दूर तक जाएगा। आपके जिम्मेदारी भरे रवैया से हम मजबूती के साथ कोरोना से लड़ सकेंगे। मौलाना ने कहा, पिछले जुम्मे की तरह आज भी हम घर से ही नमाज पढ़ेंगे। जिन मुसलमानों ने आज रोजा रखा है, वह घर से ही कोरोना के खात्मे के लिए दुआ करें।


-शब ए बारात पर मुसलमानों ने अपने पुरखों की कब्रों पर हाज़िरी न देकर घरों में ही की इबादत और उनके लिए फातिहा पढ़ी-जाहिद अली..



इसी कड़ी में लखनऊ से प्रेसमैन न्यूज के पत्रकार जाहिद अली ने भी तमाम मुसलमानों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया और बताया कि इस्लामी कैलेण्डर के आठवें महीने की 14 शाबान को मनाये जाने वाले शब-ए-बारात त्योहार के मौके पर पूरी तरह मुस्लिम घरों में मोमबत्तियाँ जलाकर खास रौशनी की गई। लाॅकडाउन के चलते इस मौके पर हर साल की तरह इस बार बूढ़े, बच्चों और नौजवानों ने अपने-अपने पुरखों की कब्रों पर हाज़िरी न देकर घरों में ही उनके लिए फातिहा पढ़ी साथ ही इस मौके पर तमाम मुसलमानों ने गरीबों को खाना भी खिलाया। शब-ए-कद्र की रात होने की वजह से इस दौरान रात भर मुस्लिम घरों से कुरआन पढ़ने की सदाएं गूंजती रही। मुसलमानों ने अपने-अपने घरों में रहकर


नमाज़, कुरआन, ज़िक्र तस्बीह का एहतिमाम किया साथ ही खुदा से लौ लगाते हुए पूरी दुनिया में फैली कोरोना वायरस जैसी महामारी के खात्मे और मुल्क़ में अमन चैन क़ायम रहने की दुआएं मांगी आगे बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पूरे देश में 21 दिनों का लाॅकडाउन किया गया है। लाॅकडाउन का मक़सद सोशल डिस्टेंसिंग को बनाएं रखना है, जिससे ये महामारी तेज़ी फैल न सकें और लोगों को इससे बचाया जा सकें। ऐसे में मुसलमानों के शब-ए-बारात त्योहार को देखते हुए लखनऊ के सभी शिया, सुन्नी धर्मगुरू एवं जिला प्रशासन की ओर से तमाम मुसलमानों से शब-ए-बारात के मौके पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाएं रखने के लिए अपने-अपने घरों में रहकर इबादत करने और कब्रिस्तान और दरगाहों पर न जाने की अपील की गई थी जिसका देश के तमाम मुसलमानों ने पालन करते हुए घरों में इबादत की और ये भी देखने को मिला कि सभी कब्रिस्तानों में पहले से ही ताले लगा दिए गए थे।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी