मैनेजर शफीक मिर्ज़ा का हुआ निधन, लखनऊ के इस्लामिया कालेज में 34 वर्षों से जिम्मेदारी को दे रहे थे अंजाम


-इस्लामिया कालेज में सभी अध्यापक, विद्यार्थी से लेकर पूरा स्टाफ उनकी इज्जत करता था.. 


-मैनेजर शफीक मिर्जा एडवोकेट अपने पीछे दो बेटियां और एक बेटा हुमायूं मिर्ज़ा छोड़ गए..


लखनऊ, 17 अप्रेल 2020, अमीरुद्दौला इस्लामिया  इण्टर कालेज के मैनेजर अल्हाज शफ़ीक़ मिर्ज़ा एडवोकेट शुक्रवार सुबह 7.30 बजे इस दुनिया से रुखसत हो गए, इस घड़ी में इस्लामिया कालेज के सभी लोगों ने दुख प्रकट किया और उनके लिए मगफिरत की दुआ की, स्वर्गीय शफीक मिर्जा कुछ समय से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था, इसी महीने की शुरुआत में उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उनको लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया जहां कुछ दिन इलाज के बाद ठीक होकर घर आ गए, लेकिन शुक्रवार की सुबह अचानक तबियत ज़्यादा ख़राब होने पर उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन रास्ते ही में ही उनकी मृत्यु हो गई, स्वर्गीय शफीक मिर्जा अमीरुद्दौला इस्लामिया  इण्टर कालेज  से काफी अरसे से जिम्मेदारी निभा रहें थे, 1984 ई से वो बहैसियत मैनेजर कालेज की खिदमात अंजाम दे रहे थे। कालेज के असिस्टेंट मैनेजर जफरयाब जिलानी एडवोकेट से उनके क़रीबी  ताल्लुक़ात थे। शुरुआत में दोनों शफीकुर्रहमान एडवोकेट की सरपरस्ती में वकालत शुरू की चूंकि शफीक मिर्जा उम्र में जफरयाब जिलानी से बड़े थे इसलिए जफरयाब जिलानी उन को अपना उस्ताद और सीनयर मानते थे, और मरहूम शफ़ीक़ मिर्ज़ा भी उनको अपना छोटा भाई मानते थे। स्वर्गीय शफीक मिर्जा सामाजिक कार्यों में अपने आपको आगे रखते थे, और एक अच्छे व्यव्हार और अखलाक के मालिक थे, इस्लामिया कालेज में सभी अध्यापक और विद्यार्थी से लेकर पूरा स्टाफ उनकी इज्जत करता था कालेज में सभी लोगो ने इस बात को जाहिर किया कि मैनेजर साहब की कमी कालेज में हमेशा रहेगी बल्कि उनका जो मुकाम और उनके व्यव्हार को वो लोग कभी नहीं भूल पाएंगे, स्वर्गीय शफीक मिर्जा अपने पीछे दो बेटियां और एक बेटा हुमायूँ मिर्ज़ा छोड़ गए हैं। लखनऊ निशातगंज कब्रस्तान में आज उनके शव को सुपुर्दे खाक किया गया।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी