लॉकडाउन के बीच निजी स्कूल उड़ा रहें सरकारी आदेशों की धज्जियां, मोबाइल पर मैसेज भेजकर बना रहे फीस का दबाव


 


लॉकडाउन के बीच निजी स्कूल उड़ा रहें सरकारी आदेशों की धज्जियां, मोबाइल पर मैसेज भेजकर बना रहे फीस का दबाव


अब देखना होगा कि अभिभावकों की परेशानी पर ध्यान आकर्षित कर सरकार स्कूल पर ठोस कदम उठाते हुए कड़ी कार्यवाही करती है या फिर निजी स्कूलों को अपनी मनमानी करने की छूट मिलती है


लखनऊ, 15 अप्रैल 2020, कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉक डाउन बढ़ाने की स्थिति में सरकार द्वारा कोरोना से लडने में हर मुमकिन प्रयास किए जा रहें हैं, साथ ही देश की जनता भी घरों में कैद होकर कोरोना से बचाव और लॉक डाउन का पालन कर रही है, ऐसे में देश,प्रदेश और शहर के कारखाने ट्रासपोर्ट सेवाए पूरी तरह ठप है, इंसान की जिन्दगी मानो एक चुनौती बन गयी है सड़के वीरान है, कारोबार व आमदनी का कोई जरिया न होने से इंसान के घरों का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया, ऐसे में बहुत सी समाज सेवी संस्थाओं द्वारा जिला प्रशासन के माध्यम से गरीबो को मुफ्त में भोजन एवं अनाज वितरण किया जा रहा है, सरकार लॉक डाउन का पालन करने वाली आवाम को हर तरह की सुविधा मुहैया कराने के प्रयास मे लगी है, वही आश्चर्य की बात है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चल रहें निजी स्कूल अभिभावकों को मोबाइल मैसेज भेजकर फीस के लिए दवाब बनाते नजर आ रहें हैं जबकि इस संकट की घड़ी में सरकारी आदेश जारी किए जा चुके हैं कि तीन महीने तक सभी निजी स्कूल अभिभावकों से फीस न ले तीन महीने के बाद ही बाकी की फीस अभिभावक स्कूल में जमा करें, सरकारी आदेश के बाद भी लखनऊ में निजी स्कूल आदेश की धज्जियां उड़ा रहें हैं, लखनऊ के जिला प्रशासन द्वारा सभी निजी विधालयो के प्रबन्धन को निर्देश जारी कर चुका है कि कोई भी विद्यालय वर्तमान समय मे स्कूलों की फीस नही वसूल करेगा, उसके बाद भी स्कूल प्रशासन ने फीस लेने का दबाव बनाया, कुछ स्कूल तो पहले से ही एडवांस के रूम में तीन महीने की फीस जमा करवा चुके हैं, बाकी के प्राइवेट स्कूल फीस लेने की प्रक्रिया में जुटी है। लखनऊ के तथाकथित शिक्षा माफिया सरकार एवं जिला प्रशासन के आदेशों को ठेगे पर रख आदेशों की धज्जिया उड़ाते हुए अभिववको को तीन माह की फीस ही नही बल्कि बसों के ट्रांस्पोट्सन की फीस 30 अप्रैल तक जमा करने का दबाव बना रहे है।
 अब देखना है कि प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन इन शिक्षा के मन्दिर के रखवालो की रक्षा  करता है या इनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करती है, ये भी देखना होगा कि लॉक डाउन का पालन करने वाले बच्चो के सभी माता पिता की परेशानी पर ध्यान आकर्षित कर सरकार स्कूल पर ठोस कदम उठाते हुए कड़ी कार्यवाही करती है या फिर निजी स्कूलों को अपनी मनमानी करने की छूट मिलती है।


रिपोर्ट इकबाल अहमद