3 दिनों के लंबे सफर के बाद कोटा से चले छात्र घर पहुंचकर हुए अति प्रसन्न

3 दिनों के लंबे सफर के बाद कोटा से चले छात्र घर पहुंचकर हुए अति प्रसन्न


रायबरेली


 कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते संपूर्ण देश में 22 मार्च से लॉक डाउन चल रहा है । 14 अप्रैल को पहले चरण के लॉक डाउन खत्म होते ही 15 अप्रैल से 3 मई के लिए दूसरा लॉक डाउन प्रारंभ हो गया।
      रायबरेली समेत प्रदेश के तमाम जनपदों के छात्र जो कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु  विभिन्न कोचिंग संस्थानों में अध्ययन कर रहे थे, कोविड-19 वैश्विक महामारी के भय से अपने गृह जनपद जाने की भरसक कोशिश में लगे थे, लेकिन उन्हें उम्मीद की कहीं कोई किरण नजर नहीं आ रही थी लेकिन जब उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 8000 से अधिक छात्रों को कोटा से सरकारी बसों से बुलाने का फैसला सुनाया तो यह सुनकर प्रतियोगी छात्र और उनके अभिभावक काफी खुश हुए । 
         यूपी सरकार ने 17 अप्रैल से कोटा राजस्थान के लिए बसों को भेजना प्रारंभ किया और कोटा से 18 अप्रैल से बच्चों को लेकर बसें यूपी के लिए रवाना हुईं। कुछ  छात्र 18 को रवाना हुए। कुछ 19 को रवाना हुए । उसी कड़ी में रायबरेली के शिक्षक सुनील दत्त की पुत्री धम्मा वृष्टि जो मेडिकल की तैयारी करने के लिए कोटा के एलन कोचिंग इंस्टिट्यूट गई थी । वह भी 19 अप्रैल को शाम 4:00 बजे 30 बच्चों के साथ रायबरेली के लिए रवाना हुई । वह बस रात के 2:30 बजे फतेहपुर सीकरी पहुंची । बस धम्मा वृष्टि समेत अन्य छात्र छात्राओं को  वहीं उतार दिया।  कापी किताब बैग आदि सामान लेकर वहीं परेशान रही । सुबह 7:00 बजे रायबरेली लखनऊ के लिए एक बस यूपी 85 AT 0896 से रवाना हुई जो लखनऊ लगभग तीन-चार बजे पहुंचीं । वहां लखनऊ और फैजाबाद के बच्चों को उतारकर वह बस रायबरेली के लिए 12 बच्चों के साथ रवाना हुई । इसमें 5 छात्राएं और 7 छात्र थे । इन 12 बच्चों को रायबरेली पहुंचते-पहुंचते लगभग शाम के 8:00 बज गया । इसके पहले कोटा से चली दो बसें पहुंच चुकी थीं उन बच्चों की रायबरेली जिला अस्पताल में रैपिड टेस्टिंग किट से स्वास्थ्य परीक्षण चल रहा था।  सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें होम क्वॉरेंटाइन के लिए कहा गया। देर शाम पहुंचे इन 12 बच्चों की रात अधिक होने के कारण टेस्टिंग नहीं हो सकी। इनकी टेस्टिंग 21 अप्रैल को हुई जिसमें सब की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें होम कोरन्टाइन के लिए भेज दिया गया।
    जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद छात्र और उनके अभिभावक राहत की सांस लिए।  घर पहुंच कर अति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।