योगी कैबिनेट ने पारित की गेहूं क्रय नीति, समर्थन मूल्य होगा 1925 रुपये प्रति कुन्तल


 


योगी कैबिनेट ने पारित की गेहूं क्रय नीति, समर्थन मूल्य होगा 1925 रुपये प्रति कुन्तल।



योगी कैबिनेट ने पारित की गेहूं क्रय नीति, समर्थन मूल्य होगा 1925 रुपये प्रति कुन्तल
-उप्र के सरकारी विभागों को एमएसएमई से करनी होगी 25 प्रतिशत खरीदारी


लखनऊ, 13 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे के लिए नई गेहूं क्रय नीति बनाई है। राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने भी शुक्रवार को अपनी मंजूरी दे दी।
इसके तहत सरकार इस साल 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदेगी। सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति कुन्तल तय किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राजधानी स्थित लोक भवन में आज देर शाम कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट ने इस दौरान राज्य सरकार के 30 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि नई गेहूं क्रय नीति के तहत इस वर्ष पहली अप्रैल से 15 जून तक गेहूं की खरीद की जाएगी। उन्होंने बताया कि निर्धारित समर्थन मूल्य के अतिरिक्त किसानों को 20 रुपये प्रति कुन्तल ढुलाई आदि का भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसानों के गेहूं का मूल्य बिक्री के बाद 72 घंटे के अंदर उनके खाते में पहुंच जाएगा।
सरकारी विभागों को एमएसएमई से करनी होगी 25 प्रतिशत खरीदारी
मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने आज एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग से खरीदारी के संबंध में महत्वपूर्ण नीति को पारित किया। इसके तहत अब राज्य सरकार के हर विभाग को अपनी कुल खरीदारी का 25 प्रतिशत प्रदेश की एमएसएमई इकाईयों से करना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि इस नीति के नियमों के तहत यदि 25 प्रतिशत तक की आपूर्ति उत्तर प्रदेश की एमएसएमई इकाईयां नहीं कर पाती हैं, तो इस स्थिति में देश की अन्य एमएसएमई इकाईयों से खरीदारी करनी होगी। श्री सिंह ने बताया कि खरीदारी के लिए जारी टेण्डर में भी इन एमएसएमई इकाईयों को 15 फीसदी तक मूल्य में भी वरीयता देनी होगी।
इसके अलावा महिलाओं और अनुसूचित जाति व जनजाति द्वारा संचालित एमएसएमई इकाईयों को भी वरीयता दिये जाने का प्रावधान इस नीति में निर्धारित किया गया है।
संपत्ति के नुकसान की वसूली को योगी सरकार ले आई अध्यादेश
प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली के लिए कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश 2020 पारित किया। इसके तहत अब प्रदेश में धरना प्रदर्शन के दौरान यदि सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाएगा तो उसकी क्षतिपूर्ति की जाएगी।
पीपीपी माॅडल पर बनेंगे प्रदेश के 23 बस अड्डे
कैबिनेट ने प्रदेश के 23 बस अड्डों को पीपीपी माॅडल पर विकसित करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इन बस अड्डों में तीन राजधानी लखनऊ के हैं। इसके अलावा गाजियाबाद और आगरा के भी तीन-तीन व प्रयागराज के दो और मथुरा, कानपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, रायबरेली, मेरठ, बरेली, हापुड़, अयोध्या और गोरखपुर के एक-एक बस अड्डों को विकसित किया जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
-उप्र लोक सेवा आयोग में 7वां वेतन लागू करने का प्रस्ताव पारित।
- उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम द्वारा गोदामों के निर्माण हेतु नाबार्ड के पक्ष में 148.70 करोड़ की राशि की गारंटी स्वीकृत किए जाने का प्रस्ताव पारित।
-लखनऊ फैजाबाद , सीतापुर , कानपुर , मोहनलालगंज रिंग रोड में शारदा कैनाल पर बनेगी 6 लेन, लागत 294 करोड़।
-केंद्रीय वित्त आयोग तथा महालेखाकार उत्तर प्रदेश की संस्तुतियों के क्रम में संहत निक्षेप निधि का सृजन किए जाने का प्रस्ताव पारित।
-कार्तिक पूर्णिमा मेला डलमऊ जनपद रायबरेली, जनपद मथुरा के बरसाना नंदगांव लट्ठमार होली मेला और परिक्रमा मेला मिश्रित तीर्थ सीतापुर के 84 कोसी परिक्रमा आयोजन का प्रांतीय करण का प्रस्ताव पारित।
-उच्च न्यायालय इलाहाबाद के लिए 15 गाड़ियों के खरीदने का प्रस्ताव पारित।
-प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक भागीदारी में किफायती आवास के अंतर्गत निर्मित किए जा रहे ईडब्ल्यूएस भवनों की लागत में संशोधन का प्रस्ताव पारित।
-प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निजी क्षेत्र की सहभागिता में संशोधन का प्रस्ताव पारित।



रिपोर्ट@त्रिलोकी नाथ