विवाद से विश्वास' योजना से बचेगा पैसा और समय, करदाताओं को मिलेगी राहत: निर्मला सीतारमण


 


विवाद से विश्वास' योजना से बचेगा पैसा और समय, करदाताओं को मिलेगी राहत: निर्मला सीतारमण।


सार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि बजट में घोषित प्रत्यक्ष कर समाधान योजना 'विवाद से विश्वास' से लोगों को खासी मदद मिलेगी।
विस्तार
योजना से विभिन्न मुकदमों में लगने वाले समय और पैसे की बचत होगी। वर्तमान में आयुक्त (अपीली), आईटीएटी, उच्च न्यायालयों, सुप्रीम कोर्ट और कर वसूली न्यायाधिकरणों जैसे विभिन्न अपीली मंचों में 9.32 लाख करोड़ रुपये से संबंधित लगभग 4.83 लाख कर मामले लंबित हैं। लोकसभा में प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक पेश करते हुए सीतारमण ने कहा, 'इस योजना में विवादित कर के मामलों में समाधान के सभी विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे लोगों को खासा फायदा होगा, क्योंकि मामलों के निस्तारण में उनका खासा समय और पैसा लगता है।'
उन्होंने कहा कि सरकार ने मुकदमेबाजी कम करने के लिए कई उपाय किए हैं और अप्रत्यक्ष कर विवादों के लिए भी ऐसी ही एक योजना का एलान किया गया था। 


प्रस्तावित योजना के अंतर्गत विवादों के निबटारे के इच्छुक करदाता अगर इस साल 31 मार्च तक कर की पूरी धनराशि का भुगतान करते हैं तो उन्हें ब्याज और जुर्माने से पूरी छूट दी जाएगी। 


अगली स्लाइड में जानते हैं आप कैसे छह स्टेप्स में इसका फायदा उठा सकते हैं।


करदाता विवाद से विश्वास डेक्लेरेशन फॉर्म में सभी जरूरी जानकारियां भरकर फोरम में जमा कराएं।


आयकर विभाग की ओर से 15 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र जारी हो जाएगा जिसमें योजना के तहत कुल देय राशि का खुलासा होगा।


करदाता को प्रमाण पत्र मिलने के 15 दिनों के भीतर उसमें बताई राशि जमा करानी होगी।


इसकी जानकारी एक तय फॉर्म में भरकर वापस आयकर विभाग के साथ साझा करनी होगी।


इसके बाद करदाता को भुगतान किए जाने से संबंधित एक आदेश जारी कर दिया जाएगा।


यह आदेश पूरी तरह निर्णात्मक होगा और इसे देश या विदेश की किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।


सरकार ने लोकसभा में कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के अंत तक न्यायिक प्रणाली में विभिन्न स्तरों पर आयकर से जुड़ी लगभग 4.78 लाख याचिकाएं लंबित हैं। एक प्रश्न के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2014-15 में आयकर से जुड़ी लगभग 3.75 लाख अपील लंबित थीं, जिनकी संख्या 2018-19 तक बढ़कर 4.78 लाख तक पहुंच गईं।


रिपोर्ट!@त्रिलोकीनाथ