सियासत का खेल, सिंधिया ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ, पार्टी से दिया इस्तीफा


जनता के साथ विश्वासघात के इस खेल में जनता को भी अपने वोट वापस लेने का मिलना चाहिए अधिकार



मध्य प्रदेश के राज परिवार से आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही पार्टी यानी कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका दिया है, मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहे सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. सिंधिया ने खुद ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी है, सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के 19 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए हैं, इन 19 विधायकों में पांच मंत्री भी शामिल हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज दिए हैं, ये विधायक कर्नाटक में हैं और वहीं से बाकायदा एक तस्वीर भी जारी की गई है, इन इस्तीफों के साथ ही कमलनाथ सरकार के जाने की पटकथा फाइनल हो गई है, इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. सिंधिया के इस फैसले को कांग्रेस ने गद्दारी बताया है, इस्तीफा देने से पहले सिंधिया दिल्ली में सुबह अपने आवास से निकलकर सीधे गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे और इसके बाद शाह के साथ ही वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पहुंच गए, पीएम के आवास पर सिंधिया की बैठक सुबह 10.45 बजे शुरू हुई, करीब एक घंटे तक पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बैठक चली. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सिंधिया अमित शाह की कार में बैठकर ही बाहर निकले, इससे पहले सिंधिया अपने आवास से अकेले खुद कार चलाकर अमित शाह के घर पहुंचे थे, जहां से अमित शाह के काफिले में लोक कल्याण मार्ग पर पीएम आवास पहुंचे. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. सिंधिया आज ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, सूत्रों के मुताबिक, ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी राज्यसभा भेज सकती है और इस तरह उन्हें संसद सत्र के बाद कैबिनेट विस्तार कर मोदी सरकार में शामिल किया जा सकता है, इसका मतलब ये हुआ कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरना तय है, बीजेपी सूत्रों का इस संदर्भ में कहना है कि कांग्रेस के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष को आज ही अपने इस्तीफे भेज सकते हैं. ऐसे विधायकों की संख्या 20 हो सकती है, यानी अगर ऐसा होता है तो कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी और इसके बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं, बीजेपी ने बुलाई संसदीय बोर्ड की बैठक । सिंधिया के पाले में आते ही बीजेपी ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है, आज बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के साथ बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक भी बुलाई गई है, इस बैठक में मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाने को हरी झंडी दी जाएगी ।
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं, यहां 2 विधायकों का निधन हो गया है. इस तरह से विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है. कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 है. कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी विधायक का समर्थन हासिल है, इस तरह कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है, जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं, लेकिन कहा जा रहा है सिंधिया खेमे के करीब 20 विधायक अपने इस्तीफे दे सकते हैं, अगर ऐसा होता है तो बीजेपी आसानी से जादुई आंकड़ा हासिल कर सरकार बनाने की स्थिति में आ सकती है, हालांकि, कांग्रेस बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा रही है ।


सियासत का ये खेल पुराना है


सियासत में उथल पुथल का ये खेल पुराना है इससे पहले भी पार्टी के दिग्गज नेताओ ने अपनी पार्टी से इस्तीफा दिया और दूसरी पार्टी में शामिल हो गए दरअसल जनता को इस सियासत के खेल को समझना होगा जो जनता चुनाव के वक़्त पार्टी को और प्रत्याशी को अपना बहुमूल्य वोट देकर जिताने और सत्ता में लाने का काम करती है फिर वही सत्ता में बैठे लोग जनता का वोट बटोरकर दूसरी पार्टी से समझौता करके सत्ता बदल देते है ये जनता के साथ धोखा है होना ये चाहिए कि जनता का वोट भी वापस करके दूसरी पार्टी में शामिल हो और जनता को अधिकार दिया जाए उनको वोट वापस लेने का इससे पहले भी बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को वोट देकर सरकार बनाई उसके बाद नीतीश कुमार ने जनता के साथ विश्वासघात किया ।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी