सीएए हिंसा में 27 अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर की कारवाई


कैबिनेट मीटिंग में यूपी सरकार ने नया अध्यादेश जारी किया, पब्लिक प्रापर्टी के नुक़सान पर की जाएगी भरपाई



 
लखनऊ, 13 मार्च 2020, राजधानी लखनऊ 19 दिसंबर को सीएए और एनआरसी के खिलाफ चौकी सतखंडा में आगजनी और पथराव की घटना के 27 अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई, 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून पास होने के बाद विरोध प्रदर्शनों के बीच जबर्दस्त हिंसा और उपद्रव के दौरान करोड़ों रुपये की संपत्ति आगजनी में जलकर राख हो गई थी। हिंसा में चार थाना क्षेत्रों हजरतगंज, कैसरबाग, ठाकुरगंज और हसनगंज में करीब 150 को नोटिस जारी किया गया था। इसमें ठाकुरगंज क्षेत्र में हिंसक भीड़ द्वारा चौकी सतखंडा में आगजनी और पथराव में भी कई लोगों को चिहिन्त किया गया। इस बीच पुलिस शुक्रवार को 27 अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई।


अध्यादेश पारित कराए जाने के मामले को लखनऊ में हुई हिंसा और उसके बाद आरोपियों के पोस्टर लगाए जाने से जोड़कर देखा जा रहा


इसके अलावा 13 मार्च शुक्रवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में उत्तर प्रदेश पब्लिक प्राइवेट प्रॉपर्टी एंड रिकवरी अध्यादेश पारित कर लिया गया, इस अध्यादेश के लागू होने के बाद यूपी में अब किसी आंदोलन, धरना-प्रदर्शन में अगर सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाएगा तो उसकी क्षतिपूर्ति करने का नियम भी इसी कानून में लाया जाएगा, साफ तौर पर देखा जा रहा है कि अध्यादेश पारित कराए जाने के मामले को लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लखनऊ में हुई हिंसा और उसके बाद आरोपियों के पोस्टर लगाए जाने से जोड़कर देखा जा रहा है, गौरतलब है कि लखनऊ में आरोपियों के पोस्टर लगाए जाने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पोस्टर हटाने का आदेश दिया था, इस पर यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई, जहां मामले को बड़ी बेंच के सामने सुनवाई के लिए भेज दिया गया है, इसके बाद ही उत्तर प्रदेश सरकार ने आज नया अध्यादेश जारी किया है, इस अध्यादेश के लागू होने के बाद यूपी में अब किसी आंदोलन, धरना प्रदर्शन में अगर सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाएगा तो उसकी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था इसी कानून में की जाएगी ।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी