प्रशासन अलर्ट, स्कूल-कॉलेज 22 मार्च तक बंद


 


प्रशासन अलर्ट, स्कूल-कॉलेज 22 मार्च तक बंद।
रायबरेली : यूपी में कोरोना को महामारी घोषित किए जाने के बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। सभी स्कूल-कॉलेज 22 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं। परिषदीय परीक्षाएं जोकि 18 मार्च से होनी थी, रद कर दी गई हैं। हाल के दिनों में होने वाले विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों पर भी प्रशासन निगाह बनाए हुए है। बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन डॉ. बीरबल ने बताया कि अगर कोई संदिग्ध मरीज आता है तो उसे जिला अस्पताल में एडमिट करके सैंपल जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजा जाएगा। वहां से रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर लखनऊ रेफर किया जाएगा। अगर बीमारी की पुष्टि नहीं होती तो सामान्य इलाज चलता रहेगा, जब तक कि उसका सर्दी, जुकाम और बुखार ठीक न हो जाए।
नौ बेड का आइसोलेशन वार्ड
जिला अस्पताल में संदिग्ध मरीजों की देखरेख के लिए नौ बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार कर दिया गया। इसके लिए विशेष टीम गठित की गई, जिसमें एक चिकित्सक व तीन स्टाफ नर्सों को शामिल किया गया। इसमें मरीज और चिकित्सीय स्टाफ के अलावा अन्य किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। क्योंकि ये बीमारी संपर्क से बढती है। अच्छी बात ये है कि अभी तक रायबरेली जनपद में कोरोना वायरस से संक्रमित कोई भी मरीज नहीं मिला है। बैनर, पोस्टर से प्रचार प्रसार
प्रभारी सीएमओ डॉ. एम. नारायन ने बताया कि कोरोना बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। अब बैनर, पोस्टर और पंपलेट लगाए व बांटे जाएंगे। सामग्री मंगा ली गई है। सभी सीएचसी, पीएचसी में संदिग्ध मरीज मिलने पर उसे जिला अस्पताल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिला अस्पताल में मचा हड़कंप
शुक्रवार की सुबह एक शख्स जिला अस्पताल पहुंचा और कोरोना की आशंका जताई। जब उसकी जांच की गई तो सामान्य खांसी आ रही थी। उसने शंका का आधार बताया कि वह पुणे में रहता है। जहां जनवरी में उसके दो-तीन मित्र अमेरिका से लौटकर आए थे। वह पुणे से रायबरेली अपने घर आया। यहीं पर उसे खांसी आनी शुरू हुई। शुरुआती जांच में बीमारी की पुष्टि न होने पर उसे घर भेज दिया गया। इसी तरह एक मरीज और आया। उसने बताया कि वह दो-तीन दिन पहले लखनऊ खेलने गया था। तब से उसे खांसी आ रही है। उसे तो आइसोलेशन वार्ड भी भेज दिया गया। मगर, भर्ती करने से पहले दोबारा जांच की और दवा देकर उसे लौटा दिया गया। उसे सर्दी थी।



त्रिलोकी नाथ 
  रायबरेली