कोरोना वायरस का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, रोकथाम की स्टेटस रिपोर्ट तलब

कोरोना वायरस का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, रोकथाम की स्टेटस रिपोर्ट तलब



इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कोरोना वायरस को कंट्रोल करने के लिए किये जा रहे उपायों पर तलब की स्टेटस रिपेार्ट


लखनऊ, 17 मार्च 2020, कोरोना वायरस से निपटने की तैयारी का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को इसके रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है, स्टेटस रिपोर्ट पेश न होने पर अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होना होगा,


रिपोर्ट पेश न होने पर व्यक्तिगत रूप से होना होगा पेश.. इलाहाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले 15 जिलों के सरकारी अस्पतालों के सीएमओ से कोरोना वायरस को कंट्रोल करने के लिए किये जा रहे उपायों पर मंगलवार को स्टेटस रिपेार्ट तलब की है, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि आज रिपेार्ट नहीं पेश की जाती तो प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, निदेशक स्वास्थ्य एवं सरकारी अस्पतालों के सीएमओ को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना होगा, कोर्ट ने पूछा है कि अब तक कोविड 19 से पीड़ित कितने मामले सामने आये हैं और क्या उन्हें आब्जर्वेशन में रखकर उनका सैम्पल लिया गया है? मामले की अगली सुनवायी मंगलवार को होगी,


जनहित याचिका पर दिया आदेश..  ये आदेश जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस करूणेश सिंह पवार की बेंच ने संदीप कुमार ओझा एवमं अन्य की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर दिया, याचिकाकर्ताओं के वकील डॉक्टर वीके सिंह के मुताबिक एयरपोर्ट एवं अन्य जगहों पर कोरोना पीड़ितों की स्क्रीनिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. यहां तक कई बार केारेाना के संदिग्धों को जांच के लिए इधर-उधर दौड़ाया जाता है, कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से जारी एडवाइजरी को पूरी तरह लागू करने का आदेश दिया है, कोर्ट ने एयरपोर्ट के साथ-साथ शहर में डॉक्टर्स और पैरामेडिक्स की टीम के अलावा कोरोना की जांच के लिए पर्याप्त मात्रा में थर्मल स्कैनर और इंफ्रारेड थर्मामीटर भी उपलब्ध कराने के निर्देश संबधित अधिकारियों को दिये हैं, कोर्ट ने केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल, लोहिया अस्पताल, सिविल अस्पताल एंव लोकबंधु अस्पताल के अलावा अन्य सरकारी अस्पतालों में तत्काल आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश भी जारी किये हैं, कोर्ट ने प्रभावित मरीज़ों के सैम्पल की जांच के लिए केजीएमयू और अन्य अस्पतालों में समुचित व्यवस्था करने पर जोर दिया है। याचिका पर सुनवायी करते हुए कोर्ट ने सरकार को पर्सनल प्रोटेक्शन एक्युपमेंट किट और एन 95 मास्क समुचित मात्रा में उपलब्ध कराने का भी आदेश जारी किया है, कोर्ट ने सोमवार को स्टैंडिंग काउसिंल की ओर से राज्य सराकर की ओर से उपलब्ध कराई जानकारी पर असंतोष जाहिर किया और कहा कि यदि मंगलवार को समुचित जानकारी नहीं आती तो प्रमुख सचिव एवं निदेशक स्वास्थ्य के साथ सरकारी अस्पतालों के सीएमओ को स्वयं पेश होकर स्पष्टीकरण देना पड़ेगा।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी