महिलाओं के समर्थन में लखनऊ घंटाघर पहुंचे अन्तर्राष्ट्रीय शायर वासिफ फारूकी और आईं एस कन्नन गोपिनाथन
लखनऊ, घंटाघर पर महिलाओं का हौसला बढ़ाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय शायर वासिफ फारूक़ी व यूनिटी कालेज की पूर्व प्रधानाचार्य जहरा नकवी साथ में यादव सेना अध्यक्ष शिव कुमार यादव व सोशल एक्टिविस्ट के के वत्स ने नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में आंदोलन पर बैठी महिलाओं के समर्थन में पहुंचे, वहीं दूसरी तरफ आई एस कन्नन गोपीनाथन ने भी हुसैनाबाद घंटाघर पहुंचकर महिलाओं के समर्थन किया और पुलिस की बर्बरता पर उन्होंने कहा कि सरकारे आती जाती रहती हैं और पुलिस जनता की सेवक होती है सरकार की गुलाम नहीं होती इसलिए पुलिस को ईमानदारी से अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए जनता की सेवक बनकर ही काम करते रहना है पुलिस को संविधान का पाठ पढ़ाते हुए महिलाओं का हौसला बढ़ाया ।
इसी कड़ी में शायर वासिफ फारूक़ी ने भी वहां पर बैठी महिलाओं से रुबरु होकर अपने जज़्बात और एहसासात का इज़हार किया धरने पर बैठी महिलाओं के समर्थन में वासिफ फारूक़ी ने नागरिकता संशोधन क़ानून को भारतीय संविधान के ख़िलाफ़ बताया और उन्होंने इसे गांधी जी के विचारों की हत्या स्वरूप कहा वासिफ फारूक़ी ने अपने वक्तव्य में ये भी कहा 4 फरवरी 2020 को शाम के वक़्त ये ख़बर सोशल मीडिया में आती है कि गृहमंत्रालय ने लोकसभा में लिखित बयान दिया के आसाम के अलावा देश में फिलहाल एन आर सी लागू करने का कोई प्लान नहीं है साथ ही आंदोलन पर बैठी सभी महिलाओं को बधाई दी कि ये आप लोगों की पहली जीत है अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मुंबई में मेरी बेटी भी इस आंदोलन में शामिल है मेरे घर की और भी महिलाएं घंटाघर पर धरने पर मौजूद हैं, सभी ने अपने वक्तव्य में महिलाओं के हौसले और जज़्बे को सलाम किया और ये भी कहा कि आप अकेली नहीं हैं हम सब हिन्दू मुस्लिम सीख ईसाई सब आप के साथ हैं ,और ये कहा कि आप की आवाज़ अभी लोकसभा पहुंची है अब इसे पूरे भारत और विश्व में गुंजनी है, एक शाइर होने के नाते उन्होंने अपने चार मिसरे पढ़ते हुए अपनी बात खत्म की, सिर्फ दीवारो दर की बात नहीं अपने घर की ये छत बचानी है सब ने खाली है आज मिल के कसम हम को जम्हूरीयत बचानी है ।
रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी