काली सूची में डाले जाएंगे छात्रवृत्ति में घपला करने वाले तीन संस्थान, सपा शासन में हुई थी गड़बड़ी।
छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में घपला करने वाले तीन शिक्षण संस्थान काली सूची में डाले जाएंगे। सपा शासन में इन संस्थानों ने बड़ी गड़बड़ियां की थीं। राज्य स्तरीय कमेटी की जांच में इन्हें दोषी ठहराया गया है। इनमें रायबरेली, प्रयागराज और देहरादून के संस्थान शामिल हैं। सिर्फ औपचारिक आदेश जारी होना बाकी रह गया है। अभी कई अन्य शिक्षण संस्थानों के खिलाफ भी जांच चल रही है। देहरादून के एक संस्थान ने वर्ष 2014-15 में कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए दी गई राशि का सदुपयोग नहीं किया। गड़बड़ी का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि लखनऊ की एक छात्रा के नाम से राशि ली गई, पर उस छात्रा का कहना है कि वह कभी इस संस्थान में पढ़ी ही नहीं है।
समाज कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में गठित राज्यस्तरीय कमेटी ने इस संस्थान को दोषी ठहराया है।
लखनऊ के जिला समाज कल्याण अधिकारी को इस संस्थान के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए कह दिया गया है। इस संस्थान से गलत ढंग से ली गई पूरी राशि की रिकवरी की जाएगी। संस्थान को काली सूची में भी डालने का निर्णय लिया गया है।
काली सूची में डाले जाने के बाद आगामी पांच वर्ष तक शिक्षण संस्थान में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जाता है। विभागीय वेबसाइट पर भी संबंधित सूचना प्रदर्शित की जाती है, ताकि विद्यार्थी उस संस्थान में दाखिला न लें।
प्रयागराज और रायबरेली के एक-एक संस्थान पर भी दोष सिद्ध हो गया है समाज कल्याण विभाग के एक उच्चपदस्थ अधिकारी ने बताया कि प्रयागराज और रायबरेली के एक-एक संस्थान पर भी दोष सिद्ध हो गया है। इन संस्थानों ने भी वर्ष 2012-17 के बीच मिली छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई की राशि का सही उपयोग नहीं किया। फर्जी छात्र दिखाकर उनका डाटा अग्रसारित कर दिया। इस तरह से कथित छात्रों और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ी राशि को ठिकाने लगाया गया है।
छात्रवृत्ति हड़पने के लिए दिखाए फर्जी छात्र
छात्रवृत्ति की रकम हड़पने वाले प्रयागराज व रायबरेली के संस्थानों ने जिन छात्रों का डाटा अग्रसारित किया था, उनमें से कई छात्रों ने जांच के दौरान बताया कि उन्होंने संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिला ही नहीं लिया था। छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई की राशि हड़पने के लिए उनके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया गया।
समाज कल्याण निदेशक बाल कृष्ण त्रिपाठी का कहना है कि कुछ संस्थानों को काली सूची में डाले जाने का निर्णय लिया गया है। इस बारे में विस्तृत जानकारी सोमवार को फाइल देखकर ही दे पाऊंगा।
त्रिलोकी नाथ
रायबरेली