दिल्ली हिंसा: हाई कोर्ट की पुलिस को फटकार, पूछा 'भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं पर FIR क्यों नहीं ?'
दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा पर सुनवाई की और कहा कि जिन्होंने भी अपनों को खोया है उन तक सरकार पहुंचे।
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर से कहा कि वो जाकर अपने कमिश्नर को बता दें कि अदालत बहुत नाराज़ है। हाई कोर्ट ने कहा कि बीजेपी के तीन नेताओं अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और कपिल मिश्रा पर एफ़आईआर दर्ज होनी चाहिए
कोर्ट ने कहा कि अन्य वीडियो के आधार पर भी एफ़आईआर दर्ज की जाए। अदालत ने कहा कि पुलिस इस मामले में गुरुवार को अदालत को बताए कि कितनी प्रगति हुई है।
अदालत ने कहा कि इन्हीं तरीक़ों से शांति बहाल की जा सकती है। मामले की सुनवाई दो जजों वाली बेंच ने की।
इस बेंच की अध्यक्षता जस्टिस एस मुरलीधर ने की। अदालत ने कहा, ''हम नहीं चाहते कि दिल्ली की हिंसा 1984 के दंगे का रूप ले ले।''
इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सात निर्देश दिए हैं-
1-जिन लोगों के रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों की जान गई है, उन्हें प्रशासन भरोसे में ले और पूरे सम्मान के साथ अंत्येष्टि कराए।
2-एक हेल्पलाइन और हेल्पडेस्क बनाया जाए। दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ने कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही ऐसा किया जाएगा।
3-ऐम्बुलेंस की पर्याप्त व्यव्स्था की जाए और इनके पहुंचने में कोई बाधा न आए।
4-अगर पर्याप्त आश्रयगृह नहीं हैं तो इसकी व्यवस्था की जाए।
5-इन आश्रयगृहों में बुनियादी चीज़ों की कमी नहीं होनी चाहिए। कंबल, दवाई, शौचालय और पानी की व्यवस्था मुस्तैद हो।
6-डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटीज 24 घंटे की हेल्पलाइन शुरू करें. इससे पीड़ितों को तत्काल मदद मिलेगी।
7-पीड़ितों को मदद करने के लिए पर्याप्त पेशेवरों को तैनात किया जाए।
रिपोर्ट@त्रिलोकी नाथ