सूफी मिर्ज़ा इक़बाल अहमद बेग ने दायी अज़ल को लब्बैक कहा
रावतपुर गॉव के मशहूर बुज़ुर्ग मिर्ज़ा इक़बाल अहमद बेग ने 90 साल की उम्र में दारेफनी की और दायी अज़ल कहा मौसूफ़ मुसाफिर खाना सुल्तानपुर में पैदा हुए और यही से अलातालीम हासिल की ख़ुसूस तालीम के बाद दिल्ली में सरकारी मुलाज़मत मिली 1977 में मुलाज़मत को खैर आबाद कर कानपूर आगए ये सिलसिले नक्स बन्दिया से खिलाफत पाने के बाद इबादत और रियाज़त में मसरूफ हो गए रावतपुर कानपुर शहर के अलावा आस पास के इलाकों में आपके मुरीदीन की खासी तादाद है जुमेरात की सब 8 बजे दारेफ़ानी को रुक्सत दायी अज़ल को लबबैक कहा आपके इंतेक़ाल की खबर मिलते हुए रिहायशगा पर मुरीदीन की लंबी कतार लग गई बाद नमाज़ जुमा आपके जुलूस जनाज़ा रावतपुर गॉव के हज़रत फूल शाह बाबा की खान का लाया गया यहां मौलाना मुश्ताक अहमद मुसाहादी ने नमाज़ जनाज़ा अदा कराई इसके बाद रावतपुर गांव वाले कब्रिस्तान में हज़ारों गांव वालों ने नम आंखों से सुपुर्दे खाक किया इस मौके पर बड़ी तादाद में बिरादराने वतन भी भीगी पलको के साथ दस्त बस्ता मौजूद रहे तदफीन के बाद मरहूम की मगफिरत के बाद बुलंदी दराजात वा पसे मानद गान के लिए सब्रो जमील के लिए दुआ की गई पस मान गान में एक बीटा मिर्ज़ा महमूद अहमद बेग के अलावा 5 बेतिया व भरपूर खानदान है 7 जनवरी को आपका चेहल्लुम भी बड़ी अक़ीदों मिन्नत के साथ मनाया गया तमान मुरीदीन और अहले खानदान और आस पास के लोगो ने लंगर खाया/
कानपूर से वाजिद हुसैन की रिपोर्ट