महाशिवरात्रि पर रेलवे देगा खास तोहफा, पटरी पर दौड़ेगी महाकाल एक्सप्रेस।
वाराणसी
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी से महाकाल की नगरी उज्जैन के बीच महाकाल एक्सप्रेस की घोषणा के बाद अब उसके संचालन को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। सप्ताह भर पूर्व इंदौर में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नई ट्रेन महाकालकी घोषणा की थी। उसके बाद रेलवे बोर्ड में तैयारियों को अब अंतिम रूप दिया जाने लगा है। उज्जैन के बीच चलने वाली इस नई ट्रेन का संचालन पूर्वोत्तर रेलवे के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन से होगा। 21 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन चलने वाली इस ट्रेन के बारे में सुझाव मांगा गया तो पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के डीआरएम ने इसे मंडुवाडीह स्टेशन से चलाने पर हामी भरी।
काफी मंथन के बाद रेलवे बोर्ड ने संचालन को हरी झंडी दे दी।
तय हो गया है कि महाकाल का संचालन मंडुवाडीह स्टेशन से उज्जैन के बीच किया जाएगा। यह ट्रेन प्लेटफार्म नंबर आठ से खुलेगी। वर्तमान समय में कैंट रेलवे स्टेशन पर होने वाले यार्ड रि-माडलिंग के चलते और अन्य कई ट्रेनों के दबाव को देखते हुए महाकाल के संचालन को मंडुवाडीह से ही ज्यादा मुफीद माना गया। समय सारिणी और रूट को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे ने रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेज दिया है।
मंडुवाडीह, रायबरेली-लखनऊ होकर जाएगी उज्जैन
काशी से उज्जैन के बीच ट्रेन रोजाना नहीं है। साप्ताहिक ट्रेनों से सफर करने में यात्रियों को लगभग 20 से 22 घंटे तक का समय लग रहा है। इस ट्रेन के संचालन के बाद यात्रियों का मंडुवाडीह से उज्जैन के बीच का सफर 15 घंटे के अंदर पूरा होगा।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मंडुवाडीह से चलने वाली यह ट्रेन तेजस जैसी होगी। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस ट्रेन में यात्रियों का सफर आरामदायक होगा। मंडुवाडीह से यह ट्रेन रायबरेली-लखनऊ होकर इंदौर की ओर निकलेगी। शुरूआत में सप्ताह में तीन दिन इसे चलाने पर मंथन हुआ है।
महाकाल एक्सप्रेस को लेकर रेलवे अधिकारियों को सुझाव दिया गया था कि संचालन के लिहाज से मंडुवाडीह स्टेशन बेहद मुफीद होगा। महाशिवरात्रि के दिन इस नई ट्रेन का संचालन होगा। जिसकी समय सारिणी और रूट को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है।-
विजय कुमार पंजियार, डीआरएम, पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल।
त्रिलोकीनाथ की रिपोर्ट