हाथों में महात्मा गांधी-भगत सिंह के पोस्टर के साथ महिलाओं का प्रदर्शन।


 


हाथों में महात्मा गांधी-भगत सिंह के पोस्टर के साथ महिलाओं का प्रदर्शन।


रायबरेली। सीएए-एनआरसी के खिलाफ शहर क्षेत्र के टाऊन हाल में बुधवार को महिलाएं धरने पर बैठ गई। हाथों में तख्तियां और महात्मा गांधी-भगत सिंह के पोस्टर लिए महिलाओं ने सीएए वापस लो, इंकलाब जिंदाबाद के नारे बुलंद किए। जानकारी होते ही पुलिस-प्रशासन के अफसर मौके पर पहुंच गए। महिलाओं को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन वह धरने पर बैठी रही। इस दौरान पुलिस और महिलाओं के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। बावजूद इसके महिलाएं धरने पर बैठी रहीं। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर महिला पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है। तेलियाकोट स्थित टाऊन हाल में दोपहर बाद मुस्लिम महिलाएं धरने पर बैठ गई। महिलाएं हाथों में तख्तियां थी, जिस पर सीएए-एनआरसी वापस लेने की बात लिखी थी।
साथ ही हाथों में महात्मा गांधी और सरदार भगत सिंह के पोस्टर भी थे। महिलाएं केंद्र सरकार से तत्काल सीएए वापस लेने की मांग कर रही थी। आजादी दो के नारे भी बुलंद कर रही थी। उनका कहना था कि कैंद्र सरकार सीएए-एनआरसी लाकर देश को बर्बाद करने पर तुली है। जानकारी होने पर सिटी मजिस्ट्रेट योगराज सिंह, सीओ सदर गोपीनाथ सोनी, महिला थानेदार संतोष कुमारी मौके पर पहुंचकर प्रदर्शन कर रही महिलाओं को शांत कराने का प्रयास किया। 
इस दौैरान महिलाओं और पुलिस के बीच कहासुनी के साथ ही नोकझोंक भी हुई। पुलिस-प्रशासन के समझाने-बुझाने पर भी महिलाएं अपनी मांग पर डटी रहीं और देर रात तक प्रदर्शन करती रही। सुरक्षा को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि महिलाओं को समझा-बुझाकर शांत कराने का प्रयास किया जा रहा है। मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
प्रदर्शन कर रहीं महिलाओें का कहना था कि लखनऊ में घंटाघर में गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम के दौरान घंटाघर पर बैठी मुस्लिम महिलाओं पर पानी फेंक दिया गया। लाइटें बुझा दी गई। पुलिस वाले कंबल उठा ले गए। जुल्म की भी इंतहा होती है। उनका कहना था कि शायर मुनन्वर राना की दोनों बेटियों पर मनमाने ढंग से केस दर्ज कर लिया गया है, जो गलत है। जिस समय मुनव्वर राना की बेटियां धरना दैने लखनऊ के घंटाघर पहुंची थी, उस समय धारा 144 लागू नहीं थी। बावजूद उन पर केस दर्ज करके गलत किया गया। हम इसका भी विरोध करते हैं।


त्रिलोकी नाथ 
  रायबरेली