शपथग्रहण के बाद विपक्षी नेताओं में लगी रांची से 'भागने की होड़'


 


शपथग्रहण के बाद विपक्षी नेताओं में लगी रांची से 'भागने की होड़', CAA एकजुट होकर व्यापक विरोध प्रदर्शन पर नहीं हुई बात।


झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रमुख हेमंत सोरेन ने रविवार (29 दिसंबर, 2019) को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। नए सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं।
समारोह में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा और अतुल अंजान तथा द्रमुक नेता एम के स्टालिन भी शामिल हुए। हालांकि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शपथ समारोह में शामिल नहीं हुए।
इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के एक कॉलम में छपी खबर के मुताबिक हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण में शामिल होने वाले तमाम विपक्षी नेताओं के पास ना केवल नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री के साथ एकजुटता व्यक्त करने का मौका होने की उम्मीद थी और यह विपक्षी दलों के बीच एकता दिखाने का एक अवसर भी था। मगर शपथ ग्रहण में आने वाले नेता समारोह के बाद रांची से वापस जाने की जल्दी में दिखाई दिए।
समारोह के तुंरत बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सीपीएम महासचिव सीताराम सेचुरी और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह दिल्ली रवाना होने के लिए चले गए। इसी तरह तरह डीएमके के एमके स्टॉलिन, टीआर बालू और एम कनिमोझी, जिन्होंने समारोह में आने के लिए चेन्नई से चार्टर्ड फ्लाइट ली, भी जल्द ही लौट गए। शपथ समारोह के बाद बहुत से नेता चाय पीने तक के लिए नहीं रुके।
विपक्षी नेताओं में सिर्फ सीपीआई के डी राजा और एनसीपी के वरिष्ठ नेता शरद यादव थोड़ी देर के लिए वहां रुके रहे। खास बात है कि इन नेताओं के बीच नए नागरिकता कानून के विरोध में उनकी भूमिकाओं पर भी कोई चर्चा नहीं हुई।


त्रिलोकी नाथ 
   रायबरेली