हाय-रे-प्याज रुलाएगी क्या
रायबरेली।मंडी समिति में प्याज का स्टॉल लगाकर प्याज 50 रुपये प्रति किलो बेचा गया। मंडी समिति लालगंज में बाबू की पद पर तैनात प्रेम बाबू उर्फ सचान ने खुद स्टॉल लगवा कर प्याज 50 रुपये किलो यानी कहा जाए तो कम यानी सस्ते दाम पर प्याज बेचा गया । वही किसानों का कहना है कि बाजार जब भी जाता हूँ। महंगाई देखकर दंग हो, जाता हूँ। कुछ प्याज़ खरीद लेता हूं। इसके बदले बहुत सारे, अरमान बाजार में गिरवी रख कर आता हूँ।
कुछ कहावतें बिल्कुल समय-समय पर सटीक बैठती है जैसे घूडे के दिन भी बदलते हैं। ऐसे ही आजकल प्याज़ के दिन पलट गए हैं ,पहले कहावत हुआ करती थी, गरीब हैं रोटी प्याज़ से खाता है । अब प्याज़ अमीरी की निशानी बन गई है , जो जितना बड़ा आदमी उसके झोले में उतनी प्याज़। अटल बिहारी वाजपेई की सरकार को भी खूब रुलाया था प्याज़ ने।
जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी तो 1998 में प्याज की कीमतों ने खूब रुलाया था । राजनीति में विलेन का रोल अदा करती है प्याज़। आज कल प्याज़ नेताओं की गले की हड्डी बनी हुई है ,प्रधानमंत्री बढ़ती हुई प्याज़ की कीमत पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं ,पर लगाम लग नहीं रही । किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
मनीष कुमार श्रीवास्तव रायबरेली सवांददाता