चश्मा उतारकर दिखाया कि मैं देख नहीं सकता, फिर भी पीटती रही पुलिस


चश्मा उतारकर दिखाया कि मैं देख नहीं सकता, फिर भी पीटती रही पुलिस- JNU छात्र की आपबीती।


फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सोमवार को जमकर प्रदर्शन किया। छात्रों ने संसद भवन तक मार्च निकालने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। पुलिस का दावा है कि छात्रों को रोकने के लिए किसी तरह का बल इस्तेमाल नहीं किया गया। हालांकि, लहूलुहान चेहरे, फटे कपड़े और लाठी भांजते पुलिसवालों को देख दूसरी ही कहानी समझ में आती है।
एक दृष्टि बाधित छात्र का कहना है कि उससे मारपीट की गई। एक पूर्व छात्र को सिर में पांच टांके लगे हैं। वहीं, एक अध्यापक का कहना है कि पहचानने के बावजूद उन्हें लात मारी गई और लाठियों से पीटा गया। जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के स्टूडेंट यूनियन काउंसलर शशि भूषण ने बताया कि लाठीचार्ज के दौरान वह जमीन पर गिर पड़े और उनके सीने पर पुलिस ने बूटों से वार किया।
फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सोमवार को जमकर प्रदर्शन किया। छात्रों ने संसद भवन तक मार्च निकालने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। पुलिस का दावा है कि छात्रों को रोकने के लिए किसी तरह का बल इस्तेमाल नहीं किया गया। हालांकि, लहूलुहान चेहरे, फटे कपड़े और लाठी भांजते पुलिसवालों को देख दूसरी ही कहानी समझ में आती है।
एक दृष्टि बाधित छात्र का कहना है कि उससे मारपीट की गई। एक पूर्व छात्र को सिर में पांच टांके लगे हैं। वहीं, एक अध्यापक का कहना है कि पहचानने के बावजूद उन्हें लात मारी गई और लाठियों से पीटा गया। जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के स्टूडेंट यूनियन काउंसलर शशि भूषण ने बताया कि लाठीचार्ज के दौरान वह जमीन पर गिर पड़े और उनके सीने पर पुलिस ने बूटों से वार किया।


त्रिलोकी नाथ 
  रायबरेली