एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा जेएनयू में वामपंथियों का होगा सर्वनाश
जैसा कि मैं पहले भी कई बार कहता आया हूँ कि जब तक इस देश के नेता नाकारा, जातिवाद और वामपंथी जैसी सोच से ग्रस्त रहेंगे तब तक समाज को जातिवाद के नाम पर बांटना कभी बंद नहीं किया जा सकता। जेएनयू प्रकरण हो या बीएचयू विवाद यह दोनों ही घटना पूरी तरह राजनीति से संबंध रखती हैं। मैं ऐसा क्यूँ कह रहा हूँ, आगे पढ़कर ये आपको खुद ही पता लग जाएगा।
आज आगरा कॉलेज मैदान में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के चार दिवसीय 65वें राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए मैदान में भव्य पांडाल बनाया गया है। कार्यक्रम का उदघाटन उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत दिनेश शर्मा को करना था लेकिन माननीय के कार्यक्रम में साढ़े तीन घंटे की देरी से पहुँचने की वजह से आगरा शहर के महापौर नवीन जैन ने किया। जब उपमुख्यमंत्री कार्यक्रम में पहुँचे तो उनका स्वागत बाकायदा माथे पर टीका लगाकर भारतीय परंपरा के अनुसार किया गया। अधिवेशन में कई तरह की प्रदर्शनी भी लगाई गई थीं जिनमे जलियांवाला बाग हत्याकांड तथा पुलवामा हमले में मारे गए शहीद कौशल रावत को समर्पित मॉडल्स आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहे। आयोजन की विशालता देखते ही बन रही थी। बहुत विशालकाय पांडाल, सुचारू यातायात व्यवस्था, सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी, अलग स्कूलों से आए सैकड़ों छात्र छात्राएं, सैल्फी पॉइंट आदि लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। अधिवेशन में न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देश के कई राज्यों व दूर दराज इलाकों से छात्र छात्राएं कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए आए हैं। अधिवेशन का समापन आगामी 25 नवंबर को होगा।
हालांकि, मैं माननीय उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जी के आने से पहले कार्यक्रम से लौट आया था, क्योंकि महोदय साढ़े तीन घंटे देरी से आए थे "इसीलिए"। लेकिन शाम को प्रकाशित समाचार पत्रों में उपमुख्यमंत्री का ये बयान पढ़कर मुझे बहुत दुख हुआ जिसमें वो जेएनयू के छात्रों पर कार्यवाही की माँग को उचित ठहरा रहे हैं। यहाँ आप सोच सकते हैं कि देशभर से आए विद्यार्थियों पर ऐसे बयानों का क्या असर पड़ेगा? वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( ABVP ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुबबैया ने अधिवेशन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ( JNU ) में वामपंथी विचारधारा पनप रही है जिसका हम पूरी तरह से सर्वनाश कर देंगे। जहाँ एक ओर जेएनयू में बढ़ी हुई फीस को लेकर विद्यार्थियों ने आंदोलन का रूप अपना रखा है तो वहीं सुबबैया ने अपने भाषण में यह कहकर मामले को गर्मा दिया कि जेएनयू में एक महिला शिक्षक का अपमान किया गया है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नितिन शुक्ला आगरा सवाददाता