उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने रखी मांग।जो है शिक्षक हित मे

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने रखी मांग जो है शिक्षक हित मे


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ


    उत्तर  प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दिखाये मार्ग का अनुसरण करते हुए मूल्यांकन केन्द्रों पर जाकर मूल्यांकन करने के आदेश का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। मूल्यांकन बहिष्कार का यह निर्णय आज समाचार पत्रों में दिनांक 18 मई से रेड जोन में भी मूल्यांकन कार्य मूल्यांकन केन्द्रों पर ही सम्पन्न कराये जाने के आदेश के प्रतिरोध स्वरूप लिया गया है। मूल्यांकन बहिष्कार की सूचना संगठन के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री/माध्यमिक शिक्षामंत्री,  प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा, शिक्षा निदेशक माध्यमिक/सभापति एवं सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद को पत्र लिख कर दी है।               
           संगठन के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा0 आर0पी0 मिश्र ने बताया कि अध्यक्ष ओेम प्रकाश शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ लगातार अनुरोध करता रहा है कि सी0बी0एस0ई0 की भांति शिक्षकों के घरों पर उत्तर पुस्तकें भेज कर मूल्यांकन कराया जाय। उत्तर प्रदे सरकार ने इस  अनुरोध को ठुकरा कर मूल्यांकन केन्द्रों पर जाकर ही मूल्यांकन करने के अपने निर्णय को सम्मान का प्रन बना कर  बाध्यता  के रूप में लागू कर दिया।       
          ओम प्रकाश शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि मा0 मुख्यमंत्री कामगारों के प्रति सम्वेदना प्रदर्शित करते हुए अपने 12 घण्टे के कार्य कराने के आदेश को वापस लेकर पुनः 8 घण्टे काम लेने की घोषणा कर चुके हैं। दूसरी ओर शिक्षकों के परिवारों के प्रति सरकार की संवेदनहीनता का प्रर्दशन स्पष्ट हो रहा है। यह भी सर्वविदित है कि एक व्यक्ति के संक्रमित होने के उपरान्त परिवार के संक्रमित होने की सम्भावना बन जाती है। कोरोना के लगातार बढ़ते प्रकोप को कोई भी शक्ति अभी तक सीमांकित नहीं कर पा रही हैं।       
              ओम प्रकाश शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि मूल्यांकन केन्द्रों तक पहुंचने के लिए लाक डाउन की परिस्थिति में कोई वाहन भी उपलब्ध नही है। महिला शिक्षकों के लिए मूल्यांकन केन्द्र पर पहुचने के लिए अनेक बाधायें और व्यवधान सभी बड़े नगरों में स्पष्ट हैं। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में मूल्यांकन केन्द्र नही है और ग्रामीण क्षेत्रों में आवासित शिक्षकों के लिए नगरीय क्षेत्र में प्रवेश की अनिवार्यता बन जाती है जिसके कारण आवागमन के समय में भी संक्रमण की सम्भावनाओं से बचा जाना सरल नहीं है। इसी प्रकार मूल्यांकन केन्द्र से लौटने वाले शिक्षक एवं उनका परिवार किसी समय भी प्रभावित हो सकता है। उत्तर प्रदेश की सरकार इस निर्णय के द्वारा सिद्ध कर रही है कि शिक्षक परिवारों के प्रति सरकार की सभी सम्वेदनहीनता की सीमाएं पर हो चुकी हैं और मूल्यांकन के हित में शिक्षक के परिवार कोरोना को बलिदान करने में किसी प्रकार की हिचक नही है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ इस स्थिति के प्रति अनदेखी कदापि नही करेगा। इसीलिए निर्णय लिया गया  है कि संगठन शिक्षकों की सेवा सुरक्षा के प्रति जागरूक एवं सचेत रहे और इस सन्दर्भ में उन्हे आश्वस्त करे कि सम्पूर्ण शिक्षक समाज उनके साथ है। इसी आधार पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ शिक्षकों से अपील करता है कि वह अपनी और अपने परिवार की रक्षा के प्रति जागरूकता का प्रर्दान करते हुए सविनय अवज्ञा आन्दोलन में सहभागी बने।       
        उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से अध्यक्ष  ओम प्रकाश शर्मा ने सम्पूर्ण शिक्षक समुदाय से अपील की कि किसी उत्पीड़न के भय अथवा किसी अन्यथा कारण से मूल्यांकन पर जाने वाले शिक्षकों के जीवन की रक्षा हेतु सर्वाक्तिमान से अपने-अपने स्तर पर प्रार्थनाएं करें।        
          अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता


                   
                      प्रेम चन्द भारती वरिष्ठ
                      संवाददाता रायबरेली