उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के विचार मूल्यांकन के सम्बंध में
*डा. आर.पी. मिश्र* 19 रॉयल होटल, लखनऊ
प्रदेशीय मंत्री/प्रवक्ता मो. 9415103215
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लखनऊ : 02 मई, 2020
*माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दो सप्ताह के लिए लाक डाउन बढ़ा दिए जाने के बाद वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षक के घर उत्तर पुस्तिकाएं भेज कर मूल्यांकन कराये जाने के लिए एक बार पुनः प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा, शिक्षा निदेशक माध्यमिक/सभापति तथा सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद को पत्र लिख कर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं विधान परिषद में नेता शिक्षक दल ओम प्रकाश शर्मा, एमएलसी ने मांग की है।*
*संगठन के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा0 आर0पी0 मिश्र ने बताया कि अध्यक्ष ओेम प्रकाश शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि एक ओर माननीय प्रधानमंत्री ने दो सप्ताह के लिए लाक डाउन बढ़ा दिया है वही दूसरी ओर आपकी ओर से हाई स्कूल/इण्टर की 2020 की परीक्षाओं के मूल्यांकन 05 मई, 2020 से कराये जाने की घोणा भी कर दी गई है। विभिन्न जनपदों से सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं कि जनपदों में सोशल डिस्टेन्सिंग की दृष्टि से कोई प्रबन्ध नही किया गया है। इसी प्रकार परीक्षकों की सुरक्षा का भी कोई प्रबन्ध नही है। जो परीक्षक दीर्घकालीन लाक डाउन के कारण दूर-दूर के जनपदों में अपने परिजनों से मिलने गए थे, वह लाक डाउन के कारण वहीं पर फंसे हुए है। अनेक परीक्षक जो जनपदीय ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं उनके लिए परिवहन की कोई सुविधा उपलब्ध नही है। महिला शिक्षकों के मूल्यांकन स्थल तक पहुंचने की भी किसी प्रकार की सुविधा नही की गई है। ऐसी परिस्थिति में परीक्षक इन आदेशों का पालन करने में पूर्ण असमर्थता अनुभव कर रहे है। माननीय प्रधानमंत्री के आदेश को दोहरा रहे है, दो गज की दूरी- जरूरी है, इसी प्रकार जान भी और जहान भी का नारा स्मरण हो आता है।*
*ओम प्रकाश शर्मा ने अपने पत्र में लिख्रा है कि सम्पूर्ण स्थिति का मूल्यांकन करने पर प्रतीत होता है कि मूल्यांकन केन्द्रों में पहुंच कर मूल्यांकन में सहयोग कर पाना जान के लिए उचित नही है तथा जहान के लिए भी उपयोगी नही है। इसके अन्तर्गत सैनेटाइजर एवं सोल डिस्टेन्सिंग भी मूल्यांकन केन्द्रों पर पूर्णतया असम्भव प्रतीत हो रहा है। भौतिक दृष्टि से तथा व्यवहारिकता के आधार पर भी मूल्यांकन का निर्णय औचित्यपूर्ण नहीं है।*
*ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि हमारी ओर से सुझाव दिया गया था कि पूर्व की भांति परीक्षकों के आवास पर उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध कराकर सुविधापूर्ण परिस्थिति में मूल्यांकन करा दिया जाय। वैकल्पिक व्यवस्था होते हुए भी अव्यवहारिक परिस्थितियों में केन्द्रों पर ही मूल्यांकन के लिए बाध्य करना विवेकपूर्ण एवं व्यवहारकुलता का निर्णय नही कहा जाएगा। वर्णित परिस्थितियों में परीक्षक मूल्यांकन कार्य करने में अपने को असमर्थ अनभव कर रहे हैं एवं इस आदेश का पालन सम्भव प्रतीत नही हो रहा है। मुझे भय है कि सन्दर्भित परिस्थितियों में मूल्यांकन केन्द्रों पर परीक्षकों का पहुंचना सम्भव नही हो पाएगा एवं इसके लिए वे किसी प्रकार भी दोी नही होगे।*
*शर्मा ने अपने पत्र में पुनः अनुरोध किया है कि पुनः विचार कर घरों पर ही मूल्यांकन की व्यवस्था सुनिचित कराये जिससे परीक्षक भी सुरक्षित रहेगे एवं मूल्यांकन भी सविधापूर्ण सम्पन्न हो सकेगें।*
प्रेम चन्द भरती वरिष्ठ
संवाददाता रायबरेली