कोरोना संघर्ष के चलते आधार कार्ड मांगकर मुस्लिम सब्जी बेचने वालों का किया बहिष्कार, तो कहीं हिंदू सब्जी वालों के ठेले पर भगवा झंडा लगा दिया


कोरोना संघर्ष के चलते आधार कार्ड मांगकर मुस्लिम सब्जी बेचने वालों का किया बहिष्कार, तो कहीं हिंदू सब्जी वालों के ठेले पर भगवा झंडा लगा दिया



-अफवाह और नफरत का असर देश के विभिन्न हिस्सों में देखने को मिल रहा है, अब हालात यहां तक पहुंच गए कि सब्जी भी हिंदू मुसलमान हो गई..



-उत्तर प्रदेश के महोबा के मुस्लिम सब्जी विक्रेताओं ने डीएम को ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई की मांग की..



लखनऊ, 15 अप्रैल 2020, देश एक तरफ कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ समाज में सांप्रदायिक जहर भरा जा रहा है, अब हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि सब्जी भी हिंदु मुसलमान हो गई है, मुसलमान सब्जी वालों से आधार कार्ड मांगा जा रहा है और उनका नाम देखकर मुसलमानों का बहिष्कार किया जा रहा है, कोरोना वायरस संकट के बीच मुसलमानों के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही नफ़रत की वजह से उनके साथ भेदभाव के कई मामले सामने आए हैं।


 -अफवाह और नफरत का असर देश के विभिन्न हिस्सों में देखने को मिल रहा है,अब हालात यहां तक पहुंच गए कि सब्जी भी हिंदू मुसलमान हो गई..


कहीं मुसलमान होने की वजह से सब्जी वाले को गली में घुसने नहीं दिया जा रहा, कहीं उनसे आधार कार्ड मांगा जा रहा, कहीं जबरदस्ती लोगों ने मुस्लिमों की दुकानें बंद करा दीं तो कहीं हिंदू फेरी वालों के ठेले पर भगवा झंडा लगा दिया जा रहा है, ताकि उसकी पहचान की जा सके।


-उत्तर प्रदेश के महोबा के मुस्लिम सब्जी विक्रेताओं ने डीएम को ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई की मांग की..



कोरोना महामारी संकट के बीच मुसलमानों के खिलाफ सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही नफरत की वजह से ऐसी ही अनेकों खबरें आ रही हैं और इससे जुड़े वीडियो वायरल हो रहे हैं, बीते सोमवार को परेशान होकर उत्तर प्रदेश के महोबा के मुस्लिम सब्जी विक्रेताओं ने डीएम को ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई की मांग की, ये वो लोग हैं जिन्हें लॉकडाउन में गांवों और शहरों में सब्जी बेचने की अनुमति दी गई है।


 -दिल्ली की एक कॉलोनी में एक व्यक्ति सब्जी वाले से आधार कार्ड मांगता है आधार कार्ड देने में असमर्थ होने पर सब्जी वाले को कॉलोनी से बाहर निकाल देता है..



जानकारी के मुताबिक दिल्ली की एक कॉलोनी के एक वायरल वीडियो में एक व्यक्ति सब्जी वाले से आधार कार्ड मांग रहा है, जब सब्जी वाला आधार कार्ड देने में असमर्थता जताता तो वो व्यक्ति उसे कॉलोनी से बाहर निकाल देता है और कहता है अगली बार तब आना जब पास में आधार कार्ड हो।
उत्तर प्रदेश में लखनऊ के ऐसे ही एक अन्य वीडियो में एक मुस्लिम सब्जी वाले को मजबूरन अपना नाम बदलकर सब्जी बेचना पड़ रहा था, लेकिन वो पकड़ा गया, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे नफरत वाले वीडियो देखकर उसे लगा कि अगर वो अपना नाम जावेद बताएगा तो लोग सब्जी नहीं लेंगे, इसके चलते जावेद को मजबूरी में अपना नाम संजय कर लिया, लेकिन पकड़े जाने पर आस-पास के लोगों ने उसे काफी खरी-खोटी सुनाई और उस पर सांप्रदायिक टिप्पणी की, वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति जावेद को कह रहा है, ‘आप संजय कैसे हो गए? क्या चाहते हो आप, हिंदुओं को मिटाना? तुम लोग सैकड़ों की संख्या में रोज नमाज पढ़ रहे हो, मोदी जी मना कर रहे हैं की भीड़-भाड़ न करो लेकिन फिर भी तुम लोग नहीं मान रहे, हालांकि प्रशासन का ये दावा है कि जो भी फेक न्यूज फैला रहा है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, बावजूद इसके मुसलमानों के खिलाफ सोशल मीडिया पर नफरत भरे मैसेज और वीडियो का जो सैलाब आया है वो थमने का नाम नहीं ले रहा।


-उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कुछ हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने हिंदू सब्जी वालों के ठेले पर भगवा झंडा लगा दिया..



उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से कुछ ऐसे वीडियो सामने आए हैं जहां पर कुछ हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने हिंदू सब्जी वालों के ठेले पर भगवा झंडा लगा दिया है, ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कोई हिंदू इनके अलावा यानी कि मुस्लिमों से सब्जी न खरीदे,वीडियो में सब्जी विक्रेता कहते हैं कि ये भगवा झंडा हिंदू-मुस्लिम की वजह से लगाया गया है, उन्होंने कहा कि इससे हमारी सब्जियां ज्यादा बिकती हैं।
-अब सवाल ये उठता है कि कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी के चलते भी नफरतों का बाज़ार गरम है जबकि कोरोना के बीच ही कई शहरों में यही मुस्लिम समुदाय के लोग इंसानियत का परिचय देकर हिंदू समाज की मृत्यु पर उन्हें उनकी रीति रिवाज के मुताबिक अंतिम संस्कार करके हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल कायम की है लेकिन इसी समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो नफ़रत फैलाकर इंसानियत को अलग करने के प्रयास में लगे हैं, काश कि हर इंसान सभी धर्मो के इंसान के प्रति मुहब्बत दिखाकर एकता और भाईचारे का परचम लहराकर देश में गंगा जमुनी तहजीब कायम करे।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी