यूपी पहला राज्य होगा जहां बीयर के साथ अब अंग्रेजी शराब भी केन में उपलब्ध होगी

यूपी पहला राज्य होगा जहां बीयर के साथ अब अंग्रेजी शराब भी केन में उपलब्ध होगी



समाज में अपराध को रोकने के डिपार्टमेंट तो है लेकिन दूसरी तरफ अपराध को बढ़ावा देने वाली चीज भी है मौजूद



लखनऊ | शराब जैसा नशा इंसान के लिए हानिकारक के साथ-साथ घातक भी है, इससे समाज पर बुरा असर पड़ता है, शराब पीने के बाद इंसान में हार्मोन्स तेजी से बढ़ जाते हैं जिनके कारण इंसान जल्द ही उत्तेजित होकर अपराध की नींव डालने लगता है शायद यही कारण है महिलाओं के अपहरण और बलात्कार की घटनाएं दिनो दिन बढ़ती जा रही है, कहीं चोरी, चैन झपटी, लूटमार और राहजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं शादी ब्याह हो या बच्चे का नामकरण संस्कार या किसी भी उत्सव का अवसर पर महंगी से महंगी शराब पीने या पिलाने का चलन घर-घर में है, सोंचने और गौर करने की बात ये है कि समाज में अपराध को खत्म करने के डिपार्टमेंट तो है लेकिन अगर अपराध को बढ़ावा देने वाली चीज मौजूद हो तो फिर अपराध बढ़ने लगता है ।


युवाओं में शराब के बढ़ते उपयोग से नई पीढ़ी का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दुब्प्रभावित हो रहा



युवाओं में शराब के बढ़ते उपयोग से नई पीढ़ी का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ दुब्प्रभावित हो गया है, शराब ने सबसे ज्यादा नुक्सान पारिवारिक जीवन और सामाजिक रिश्तों को पहुंचाया है, शराब की दुखदायी प्रव्रत्ति के चलते जहां हजारों परिवार टूटकर बिखर गए हैं, ऐसे में शराब जैसे नशे को छुड़वाने और इसे बंद कराने के में उत्तर प्रदेश सरकार को गंभीर पूर्वक विचार करने और यूपी में शराब पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है लेकिन ऐसा होने के बजाए यूपी में शराब की बिक्री को और इसके खरीदने को आसान कर दिया गया बल्कि अब उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां बीयर के साथ अब अंग्रेजी शराब की केन भी उपलब्ध होगी ।


अधिकारी के मुताबिक केन में पैकिंग होने से उसमें मिलावट की आशंका खत्म हो जाएगी


 नई आबकारी नीति में देसी शराब की बिक्री टेट्रा पैक में और अंग्रेजी शराब की बिक्री कैन में किए जाने को मंजूरी दी गई है। अंग्रेजी शराब की बिक्री के लिए ऐल्युमिनियम से बने केन में करने की मंजूरी दी गई है। ऐल्युमिनियम से बने केन में शराब की पैकिंग पर्यावरण के भी अनुकूल है। आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक केन में पैकिंग होने से जहां उसमें मिलावट की आशंका खत्म हो जाएगी। साथ ही कंपनियों को ब्रेकेज से होने वाले घाटे से मुक्ति मिलेगी। शराब की पैकिंग में आने वाला खर्च भी कम होगा। कांच की बोतल की अपेक्षा ऐल्युमिनियम के केन की कीमत बहुत कम होगी। केन में पैकिंग होने से शराब का परिवहन खर्च भी कम होगा क्योंकि उसका वजन कम होता है।
अब सवाल ये उठता है कि जहां शराब पीने वाले को समाज में गिरी हुई निगाह से देखा जाता हो और उसके नुक़सान बेशुमार हो तो वहां पर अधिकारी द्वारा इसके फायदे बताना कि एल्युमिनियम की पैकिंग पर्यावरण के भी अनुकूल है और उसमें मिलावट की आशंका नही । 


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी