सीएम-ड‍िप्‍टी सीएम के पोस्‍टर लगाने वालेे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दर्ज हुई एफआईआर, तलाश में दब‍िश जारी


सार्वजनिक स्थानों पर बैनर लगा और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी, सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने आननफानन एफआइआर दर्ज की


लखनऊ, 15 मार्च 2020, राजधानी में उपद्रव के आरोपितों का बैनर लगाए जाने के बाद से विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सपा नेता आइपी सिंह की ओर से बैनर लगाए जाने के बाद अब कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का बैनर लगा दिया। बैनर पर दोनों के खिलाफ पूर्व में दर्ज मुकदमों का जिक्र किया गया है। खास बात यह है कि सार्वजनिक स्थानों पर विवादित बैनर लगा दिया गया और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। सोशल मीडिया पर बैनर वायरल होने के बाद पुलिस ने शनिवार को आननफानन एफआइआर दर्ज की।
बैनर पर राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सुधांशु बाजपेयी और लालू कन्नौजिया का नाम अंकित है। बैनर में भाजपा नेता राधा मोहन दास अग्रवाल, संगीत सोम, संजीव बाल्यान, उमेश मलिक, सुरेश राणा व साध्वी प्रज्ञा की फोटो भी लगाई गई थी। इनकी फोटो के नीचे उनपर लगे आरोप भी लिखे गए थे। हालांकि गोरखपुर से भाजपा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल की फोटो के स्थान पर एक अन्य भाजपा नेता की तस्वीर लगी थी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज चौराहा, भाजपा मुख्यालय और लखनऊ विधानसभा के पास शुक्रवार देर रात में ये बैनर लगाए थे। इन स्थानों पर 24 घंटे पुलिस तैनात रहती है। बावजूद इसके पुलिसकर्मियों को भनक नहीं लगी। पुलिस आयुक्त ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। पुलिस यह पता लगा रही है कि किस प्रिंटिंग प्रेस से ये बैनर छपवाए गए हैं। चौकी इंचार्ज सचिवालय की ओर से इस मामले में सुधांशु बाजपेई व लालू कन्नौजिया समेत अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। पुलिस बैनर छापने वाले और इसे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है। सीसी फुटेज के आधार पर पुलिस ने कुछ लोगों की पहचान की है, जिनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। वहीं महानगर कांग्रेस कमेटी केे अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दोनों ही दंगों में आरोपित रहे हैं। उपद्रव के आरोपितों का बैनर लगाने में न्यायिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हैं और उन्होंने अपना विरोध इस तरह से प्रदर्शित किया।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी