रामपुर डीएम ने निजी जौहर विश्विद्यालय को कब्जे में लेने के लिए सरकार से किया आग्रह


संकट की घड़ी में आज़म खान को एक और झटका


लखनऊ । मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय एक निजी विश्वविद्यालय है जो रामपुर में मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त है 2006 में स्थापित किया गया था इसके चांसलर समाजवादी पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान है, जिसमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 3,000 से भी ज्यादा है । सपा नेता व रामपुर सांसद आजम खान जो कि पहले ही बहुत से आरोप के तहत मुकदमे चल रहें हैं इसी कड़ी में एक बार फिर झटका लगा है इस बार आजम खान के जौहर ट्रस्ट को लीज पर दी गई 7.135 हेक्टेयर150 बीघा लगभग जमीन के पट्टे को रद्द करने की कार्रवाई की गई है, पट्टा रद्द किए जाने की कार्रवाई एसडीएम सदर कोर्ट से की गई है और जौहर विश्विद्यालय को लेकर डीएम ने किया आग्रह, जिलाधिकारी ने सरकार को भेजी रिपोर्ट, विश्विद्यालय को कब्जे को लेकर सरकार करेगी फैसला, इस के संबंध में सरकारी अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि ये जमीन शासन द्वारा मोहम्मद जौहर अली ट्रस्ट के संयुक्त सचिव नसीर खान को 24 जून 2013 को गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट के तहत पट्टे पर दी गई थी, ये पट्टा 30 साल के लिए हुआ था जबकि इस जमीन की मूल श्रेणी रेत में दर्ज थी, चूंकि रेत की जमीन का पट्टा नहीं होना चाहिए था फिर ऐसा कर दिया गया, इस संबंध में तहसीलदार द्वारा रिपोर्ट की गई, अब उपजिलाधिकारी सदर ने इस जमीन की मूल श्रेणी यानी रेत में दर्ज करने के आदेश दे दिए, जिसके चलते ये पट्टा निरस्त कर दिया गया है और जमीन को मूल श्रेणी रेत में दर्ज करने के आदेश किए गए हैं, अब जबकि सरकार बदलते ही जहां आजम खान के खिलाफ तमाम तरह की जांच पड़ताल शुरु हुई तो राजस्व विभाग ने इसकी भी जांच कर इसके भू उपयोग के बदलने को गैर कानूनी बताया है और कहा है कि नदी के किनारे रेत की जमीन पट्टे पर देना गैर कानूनी है, इसलिए इसका पट्टा निरस्त किया जाता है, अब अगर आजम खान को फैसले के खिलाफ किसी बड़ी जमीन से राहत नहीं मिलती है तो उनको इस जमीन से हाथ धोना पड़ जाएगा ।


आजम खान अब सत्ता में नही रहे इसलिए संकट की इस घड़ी से तो गुजरना होगा 


क्योंकि आजम खान अब सत्ता में नही रहे इसलिए संकट की इस घड़ी से तो बखूबी गुजरना होगा क्योंकि सत्ता में रहते हुए ही सारी ताकते, शक्ति और जोर प्राप्त होता है जैसे पुलिस प्रशासन से लेकर सभी सरकारी महकमे सत्ता के अधीन काम करते है और सत्ता की ताकत के आगे सभी डिपार्टमेंट उसके ताबे होकर जी हुजूरी में काम करते हैं ऐसे में विपक्ष लोगो पर ही कारवाई होना संभव है ।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी