फर्जी डिग्री वाले 17 जीआइसी शिक्षक किए जाएंगे बाहर, 2012 में हुई थी फर्जी दस्तावेज से नियुक्ति।
राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े घोटाले का पटाक्षेप हो गया है। इंटर कॉलेजों में पढ़ा रहे करीब 17 शिक्षकों के शैक्षिक योग्यता संबंधी प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाए जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
पूरा मामला समझने के लिए करीब आठ साल पीछे जाना होगा। वर्ष 2012 में शासन द्वारा लखनऊ मंडल के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक प्रशिक्षित स्नातक पद के लिए आवेदन मांगे गए। 216 पदों के सापेक्ष करीब 70 हजार से अधिक आवेदन आए। मेरिट के आधार पर चयन प्रक्रिया के अनुसार वर्ष 2014 में शिक्षकों को राजकीय इंटर कॉलेजों में नियुक्ति दे दी गई।
शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्र संबंधी दस्तावेजों की जांच के लिए संबंधित विश्वविद्यालयों में कई बार पत्रचार किया गया, मगर उपयुक्त जवाब नहीं मिला। शैक्षिक दस्तावेजों के सत्यापन पर किए गए पत्रचार में गोलमोल जवाब भी दिया। आखिरकार विभाग के अफसरों को इन शिक्षकों के सत्यापन के लिए खुद ही संबंधित विश्वविद्यालयों में डेरा डालना पड़ा। सुरेंद्र तिवारी संयुक्त शिक्षा निदेशक, षष्ठ मंडल लखनऊ के मुताबिक 16 सहायक अध्यापकों व एक सहायक अध्यापिका के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। उन्होंने फर्जी दस्तावेज लगाकर नियुक्ति पाई है। इन 17 शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने की संस्तुति कर दी गई है।
यह हैं फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षक
अमर सिंह, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गूम फूल बहेड़ लखीमपुर
प्रेम चंद्र, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोसार सीतापुर
राहुल सिंह, लखीमपुर खीरी
अश्विनी कुमार सिंह, राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छेदुपतिया लखीमपुर
देशराज, मङिाला टोडरपुर हरदोई
राम किशोर, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भरखानी हरदोई
मोहम्मद राशिद, माध्यमिक विद्यालय कोदौरा रामपुर
रंजना गौड़, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गंजमुरादाबाद उन्नाव
देवेंद्र कुमार राजकीय बालिका हिन्डोलना फूलबहेड़, लखीमपुर
जितेंद्र कुमार पाठक, राजकीय उच्चतर माध्यमिक कुकरा लखीमपुर
नंदलाल, राजकीय उच्चतर विद्यालय परसेंडी सीतापुर
अनुग्रह सिंह, कटकुसमा नकहा लखीमपुर खीरी चंद्रहास, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अजीतपुर, रायबरेली
करुण कुमार, बदफर बेहा सीतापुर
लखवीर सिंह, छतोह रायबरेली
सुशील बाबू, नौरंगवे फार्म निघासन लखीमपुर खीरी
रमेश चंद्र, इमलिहा सुल्तानपुर।
रिपोर्ट@त्रिलोकी नाथ