लखनऊ में कोरोना के संदिग्ध मरीजों को टहलाते रहे, जांच नहीं की

लखनऊ में कोरोना के संदिग्ध मरीजों को टहलाते रहे, जांच नहीं की



एक तरफ मरीजों और संदिग्धों को पूरा इलाज देने का दावा किया जा रहा है, वहीं कोरोना का मरीज दिनभर अस्पताल के चक्कर लगाता रहा 


लखनऊ, 18 मार्च 2020, कोरोना महामारी घोषित है। पूरे प्रदेश में सरकार से लेकर स्वास्थ्य महकमा लोगों को एहतियात बतरने के लिए जागरुक कर रहे है। साथ ही मरीजों और संदिग्धों को पूरा इलाज देने का दावा किया जा रहा है। पर, हकीकत इससे उलट है। राजधानी में बुधवार को ही दो ऐसे संदिग्ध मरीज खुद सजग होते हुए जांच के लिए अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे। पर, उनकी जांच नहीं हुई। एक संदिग्ध तो सीएमओ कार्यालय में भटकता रहा, जिससे वहां हड़कंप मच गया। जबकि दूसरे पीड़ित एयरपोर्टकर्मी की केजीएमयू में पहचान के लिए महज एयरपोर्ट अथॉरिटी की आईडी न दिखा पाने पर जांच नहीं हुई। दोनों मरीजों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। एयरपोर्ट कॉलोनी के कर्मचारी की जांच नहीं की एयरपोर्ट परिसर में ही अथॉरिटी की कॉलोनी में रहने वाले युवक व प्रोजेक्ट मैनेजर (25) ने बताया कि उसे कोरोना से मिलते लक्षण हैं। इसके लिए वह खुद सजगता बरत रहा है। मॉस्क आदि लगाकर परिवारीजनों से दूर है। साथ ही दवा भी ली है। वो बुधवार को लोकबंधु पहुंचा तो उससे ये कहकर केजीएमयू भेज दिया गया कि यहां पर सिर्फ एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों को ही इलाज दिया जा रहा है। आरोप है कि केजीएमयू में उसकी बीपी तक की सही से जांच नहीं हुई। दोबारा जांच कराने पर सही जांच हुई। वो कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बने वार्ड में बैठा रहा, लेकिन उसकी जांच इसलिए नहीं की गई कि वो एयरपोर्ट अथॉरिटी की आईडी नहीं दिखा सका। जबकि उसके पास आधार व अन्य दस्तावेज थे। उसका सैंपल नहीं लिया गया। उसे गुरुवार को बुलाया गया है। सीएमओ कार्यालय पहुंचा तो मचा हड़कंप दूसरा वाकया गोमती नगर निवासी और दिल्ली से तीन दिन पहले लौटे रिटायर अधिकारी के साथ का है। इस अधिकारी का आरोप है कि वह सतर्कता के साथ लोहिया संस्थान बुधवार सुबह 10 बजे के आसपास जांच कराने के लिए पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने पर्च पर दवा लिखते हुए केजीएमयू जाने को बोला। केजीएमयू में भी उनकी जांच नहीं हुई। वहां भटकने के बाद वो दोपहर दो बजे सीएमओ कार्यालय जांच व शिकायत के लिए पहुंच गए। कंट्रोल रूम में पहुंचकर उन्होंने खुद को कोरोना का संदिग्ध बताया तो वहां हड़कंप मच गया। वहां मेडिकल बोर्ड के लिए भी लोग पहुंचे हुए थे। लोग वहां से कुर्सी छोड़कर बाहर निकलने लगे। सीएमओ कार्यालय में भी लोग उसे टरकाते रहे। अफसर ने कहा कि वो सीएमओ के आने पर शिकायत करके ही जाएंगे। जांच में लापरवाही की शिकायत भी सीएम से करेंगे।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी