कोरोना से बचने के लिए रिहाई मंच ने जारी की अपील


कोरोना से बचने के लिए रिहाई मंच ने जारी की अपील



कहा एक तरफा आदेश-निर्देश या डंडा भांजने से नहीं संवाद से हम कर सकते हैं कोरोना से मुकाबला


लखनऊ, 24 मार्च 2020, रिहाई मंच ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतने की अपील करता है। रिहाई मंच अपने समर्थक साथियों और समाज के प्रबुद्ध वर्ग से भी अपील करता है कि वे कोरोना वायरस की गंभीरता और बचाव उपायों के बारे में जनता में जागरूकता फैलाने में अपनी भूमिका निभाएं।
रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने जनता से अपील करते हुए कहा कि जहां तक संभव हो अपने घरों में रहें और अवश्यकता पड़ने पर ही घरों से बाहर निकलें। घर से बाहर निकलते, एक दूसरे से संवाद करते समय मास्क या रूमाल से मुंह ढंक कर रखें। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि अपने घर-आफिस में काम करने वाले कर्मचारी, नौकर, मेड को सिर्फ़ छुट्टी ही नहीं बल्कि उनको पूरा वेतन भी दें। इस कठिन परिस्थिति में उनकी सहायता करना हमारा कर्तव्य है। साथ ही रोजाना काम करके घर चलाने वालों की भी हर सम्भव मदद की जाए।


सरकार जल्द से जल्द मास्क और बचाव के लिए आवश्यक अन्य सामग्री उपलब्ध कराए और उनकी कालाबाज़ारी पर अंकुश लगाए..


उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द मास्क और बचाव के लिए आवश्यक अन्य सामग्री उपलब्ध कराए और उनकी कालाबाज़ारी पर अंकुश लगाए। अब तक सरकार ऐसा कर पाने में नाकाम रही है जिसके लिए कोई तर्क नहीं हो सकता।
मंच अध्यक्ष ने कहा कि इस आपदा के समय जनता और प्रशासन के बीच कोई सम्पर्क और संवाद का मामला नहीं बन पा रहा है। जब तक जनता की चिंताओं और दिक्कतों को सम्बोधित नहीं किया जाता है तब तक एकतरफा आदेश और निर्देश बहुत प्रभावी नहीं हो सकते। इससे जनता में बेचैनी भी बढ़ सकती है। 


चिकित्साकर्मियों को सुरक्षात्मक मेडिकल सहूलियतें और पुलिस को मास्क उपलब्ध कराया जाए..


उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कालाबाज़ारी और बढ़ी हुई कीमतों पर सामान बेचने की शिकायतें मिल रही हैं। जनता पर डंडा भांजने से पहले पुलिस प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा न हो। अति उत्साह में पुलिस प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों से डाक्टरों को क्लीनिक तक जाने से रोकने और मेडिकल स्टोर तक बंद करवाने की सूचना प्राप्त हो रही है जिससे दवाओं की आपूर्ति बाधित हो रही है और मरीज़ों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लापरवाही की हद है कि पुलिस वाले खुद बिना मास्क के घूमते हुए देखे जा सकते हैं।
लखनऊ जैसे नगर से इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं कि क्रोना वायरस संदिग्धों की जांच और इलाज से अस्पताल साफ इनकार कर दे रहे हैं। ऐसे में इस संक्रमण के और फैलने की आशंका बहुत बढ़ जाती है। यह सरकार और प्रशासन दोनों के लिए शर्म की बात है कि डाक्टरों तक को मास्क अन्य सुरक्षात्मक उपकरणों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए अब तक के उपाय ज़बानी, एकतरफा और निर्देशात्मक हैं। हैरत की बात यह है कि इस महामारी से निपटने के लिए जनता का सहयोग प्राप्त करने का कोई प्रयास सरकार और प्रशासन की तरफ से नदारद है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को तत्काल जागरूक और समझदार लोगों से सम्पर्क करना चाहिए। 


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी