घंटाघर पर पत्रकारों पर हुई अदभद्रता से नाराज़ पत्रकारों ने राज्यपाल एंव डीजीपी लॉ आर्डर को दिया ज्ञापन


घंटाघर पर पत्रकारों पर हुई अदभद्रता से नाराज़ पत्रकारों ने राज्यपाल एंव डीजीपी लॉ आर्डर को दिया ज्ञापन



घंटाघर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं को खाना बांटने पर हुए पांच गिरफ्तार, प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप



लखनऊ, 18 मार्च 2020, नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी के विरोध में घंटाघर पार्क में प्रदर्शन कर रही महिलाओं को खाना बांटने पहुंचे पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हाल के दिनों में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए पुलिस ने दो दिन पहले प्रदर्शनकारी महिलाओं के परिवारीजनों को नोटिस भी भेजा, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ बल्कि महिलाओं ने प्रदर्शन को जारी रखा,मंगलवार को भी प्रदर्शन चल रहा था। इसी दौरान दोपहर को कुछ युवक वहां कार में उनके लिए खाना लेकर पहुंचे। प्रदर्शन स्थल पर कार रुकते ही उसमें पांच युवक बाहर निकले। जब युवक खाना लेकर महिलाओं की तरफ जाने लगे तो उनको रोका गया। उनको चेतावनी देते हुए वापस कर दिया गया। सभी कुछ दूरी पर जाकर रुक गए। इसके बाद वे फिर आए और कार में रखा खाना निकालकर प्रदर्शनकारी महिलाओं में बांटना शुरू कर दिया। पुलिस ने इन पांचों युवकों को पकड़ लिया। एडीसीपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों में पारा का अरशद, सरोजनीनगर का रेहान, शादाब, ठाकुरगंज का रहमत और आजमगढ़ का शाह आलम हैं। प्रभारी निरीक्षक ठाकुरगंज प्रमोद कुमार मिश्रा के मुताबिक कार की तलाशी ली गई तो उसमें पैकेट में बिरयानी व रबड़ी थी। पुलिस आरोपियों को प्रदर्शन करने वालों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
बता दे इससे पहले ठाकुरगंज ने एक एफ आई आर दर्ज कराई थी आरोपियों में मुनव्वर राना कि बेटी सुमैया राना समेत 11 महिलाएं, 11 पुरुष और 150 अज्ञात लोग शामिल थे आरोप था कि शनिवार को हिंसा का आरोपित प्रेम नगर बरौरा निवासी अब्दुल हफीज जेल से सशर्त छूटकर आया था इस दौरान वो घंटाघर पहुंच गया जहां महिलाओं और पुलिस के खिलाफ अचानक नारेबाजी शुरू कर दी, आरोपितो ने सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ भ्रामक सूचनाएं चलाई सड़क पर आरोपितों की गाड़ियां खड़ी होने से काम कि स्थिति उत्पन्न हो गई, ये सब आरोप लगाते हुए पुलिस द्वारा एफ आई की गई लेकिन इतना सब हुआ आरोपियों के खिलाफ ये सब करते हुए एक भी वीडियो नहीं वायरल हुई और यूहीं आरोप लग गए।


प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पुलिस प्रशासन पर लगाए गम्भीर आरोप



 बरहाल इस पर महिलाओं ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस शुरुआती प्रदर्शन से लेकर अबतक महिलाओं के साथ जो दुव्यहार कर रही वो वायरल वीडियो और खबरों के माध्यम से सबके सामने है हमारे टेंट उखाड़कर ले जाना हमारा और बच्चो का खाना छीन कर भागना, बदतमीजी से पेश आना वगैरा वगैरा और अब ये क्या हमारे ऊपर आरोप लगाएंगे हम बताते हैं तीन दिन पहले इन्होंने महिला अधिवक्ताओं से बदतमीजी की उनका रास्ता रोका, अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि बहुत देखे तुम्हारे जैसी वकील हो तो एक महिला, पुलिस की ताकत से कोई नहीं जीत सकता आगे पुलिस पर आरोप लगाया कि घंटाघर पर कुछ मर्दों का होना जरूरी है चाहे वो अधिवक्ता हो या वालिंटर उनका रहें हमारी सुरक्षा होगी क्योंकि हमें पुलिस पर भरोसा नही ।


महिलाओं के बाद अब पत्रकारों पर हुई अदभद्रता से पत्रकारों में आक्रोश



वहीं घंटाघर पर कवरेज करते हुए कुछ पत्रकारों से पुलिस ने अदभद्रता की और उन्हें कवरेज करने से रोका गया बताते चले घंटा घर पर चल रहे एनआरसी और सीएए की कबरेज करने वाले पत्रकारों के ऊपर एडीसीपी विकास चन्द्र त्रिपाठी की सदारत में हुई में हमला किया गया, सूत्रों के अनुसार एनआरसी और नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन को लेकर मंगलवार को घंटाघर पर मीडिया प्रतिनिधि खबर कवरेज करने के लिए दोपहर को घंटाघर पहुंचे पत्रकारों को देखकर एडीसीपी विकास चन्द्र त्रिपाठी आक्रोशित हो गये, और पत्रकारों से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कई पत्रकारों को पकड़ते हुए जीप पर लाद कर थाने पहुंचाया दिया, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के ऊपर इस तरह से पुलिसिया कार्रवाई को देखते हुए मान्यता प्राप्त पत्रकार संगठन राष्ट्रीय जन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमशेद रहमान ने इसकी घोर निंदा की साथ ही सरकार से जवाब मांगा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ये जानना चाहता है कि क्या इस सरकार में एनआरसी और सीएए की खबर कवरेज करने और महिलाओं की आवाज उठाने की कोशिश करने वाले पत्रकारों की आवाज को दबाया जाएगा क्या संविधान ने पत्रकारों को किसी भी कवरेज से रोकने का पुलिस को अधिकार दिया है। पत्रकारों पर पुलिस द्वारा अदभद्रता पर राजधानी के पत्रकारों ने पुलिस मुख्यालय पर दिया धरना और राष्ट्रीय जनजर्नलिस्ट एसोशिएशन ने राज्यपाल एंव डीजीपी लॉ आर्डर को दिया ज्ञापन ।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी