ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर जनता के पक्ष में लड़ रही


ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर जनता के पक्ष में लड़ रही 


नागरिकता कानून पर कुछ राजनीतिक दल ट्विटर और अख़बार में बयान देकर मात्र औपचारिकता पूरी कर रहे


ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय महासचिव मुस्तकीम मंसूरी ने जारी एक बयान में कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के विरोध में 23 फरवरी को होने वाले भारत बंद का मुस्लिम मजलिस पूर्ण रूप से समर्थन करती है श्री मंसूरी ने कहा आज पूरे देश में इन काले कानून का विरोध हो रहा है जिसमें मुस्लिम मजलिस उत्तर प्रदेश उत्तराखंड एवं दिल्ली में लगातार विरोध प्रदर्शन आदि में भाग ले रही है और इस कानून के विरुद्ध जो भी प्रदर्शन बंद आदि का आवाहन होता है उसमें मुस्लिम मजलिस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी पूर्ण रूप से शामिल रहते हैं श्री मंसूरी ने कहा इस कानून पर जो पार्टियां अपना रुख बस नहीं कर रही है जनता में उनके प्रति आक्रोश बढ़ रहा है ऐसी सूरत में समस्त धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों सामाजिक संगठनों व धार्मिक संगठनों के लोगों को आगे बढ़कर इस कानून के विरोध में जनता के साथ खड़ा होना चाहिए उन्होंने कहा हम देख रहे हैं क्या अपने आप को धर्मनिरपेक्ष कहने वाले कुछ राजनीतिक दल योजनाबद्ध तरीके से भाजपा का समर्थन कर रहे हैं ऐसे दलों को यह समझ लेना चाहिए के इतिहास में भले ही माफ कर दे लेकिन जनता उन्हें माफ नहीं करेगी उन्होंने कहा कुछ राजनीतिक दल ट्विटर और अखबार में बयान देकर मात्र औपचारिकता पूरी कर रहे हैं ऐसे दलों के बड़े नेताओं को चाहिए कि वह जनता के बीच आकर इसका विरोध करें उन्होंने कहा आज देश में जो हालात हैं उन पर बैठकर समीक्षा करने की जरूरत नहीं है बल्कि इस काले कानून के खिलाफ समस्त राजनीतिक दलों के लोगों को अपना नजरिया स्पष्ट कर जनता को बताना चाहिए कि वह जनता के साथ कहां खड़े हैं आज मुस्लिम मजलिस जिसमें है वह इस काले कानून की लड़ाई जहां जनता के साथ सड़कों पर लड़ रही है वही मुस्लिम मजलिस देश की सुप्रीम अदालत में भी इस कानून की लड़ाई लड़ रही है अब जनता को यह तय करना है कि जो उनके बीच हैं उनको मजबूत करेगी या उनका साथ देगी जो इस काले कानून पर दोहरी भूमिका निभा रहे हैं ।


रिपोर्ट @ आफाक अहमद मंसूरी