यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र में आज पहले दिन जमकर हुआ हंगामा


 


यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र में आज पहले दिन जमकर हंगामा हुआ


-लखनऊ


 



पहले दिन नहीं हो सकी यूपी विधानसभा की सुचारू कार्यवाही
यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र में आज पहले दिन जमकर हंगामा हुआ। जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका। विपक्ष ने सरकार के खिलाफ कई बार नारेबाजी की। इसके अलावा सदन का बहिष्कार भी किया। जिसके कारण पूरे दिन सुचारू ढंग से सदन की कार्यवाही नहीं हो सकी। 
म्ंगलवार को सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्य नागरिकता संषोधन बिल और प्रदेश की कानून व्यवस्था के मुद्दे पर वेल में आ गये शोर शराबे और हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। सदन व्यवस्थित होने के बाद वित मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2019-20 का 421085.40 लाख दूसरा अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया गया।


बजट में राज्य सरकार ने एक्सप्रेस-वे और डिफेंस एक्सो के आयोजन समेत अन्य खर्चो के लिए धन की व्यवस्था की है। इसके अतिरिक्त सदन में विपक्षी दलों ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को उठाते हुए इसे वापस किए जाने की मांग की और इस मसले पर विपक्ष ने सदन का बहिष्कार भी किया। विपक्ष का आरोप था कि सरकार प्रदेश की कानून-व्यवस्था संभाल नहीं पा रही है और पूरा प्रदेश जल रहा है। इसके साथ ही सदन में सत्ता पक्ष के विधायकों की अधिकारियों द्वारा सुनवाई न होने का मामला भी गूंजा।


इससे नाराज बीजेपी विधायकों ने हंगामा किया। नतीजतन सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित करना पड़ गया बाद में यह स्थगन 15-15 मिनट के लिए बढ़ा दिया गया। बीजेपी की गाजियाबाद की लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर ने लोनी की पुलिस द्वारा उत्पीड़न का जब मामला उठाया तो उसके समर्थन में सत्ता पक्ष के भी विधायक खडे़ हो गए।


सत्ता पक्ष के विधायक के समर्थन में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार सत्ता पक्ष के विधायक की बात को दबाना चाहती है। सपा के सदस्यों ने भी सत्ता पक्ष के विधायकों के समर्थन में वाकआउट किया। सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो भी नेता प्रतिपक्ष ने इस विषय को उठाया और हंगामा करने लगे, हंगामें को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तकके लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही स्थगित करने के बाद मंडप में सपा सदस्य और बीजेपी के करीब साठ से अधिक सदस्य बैठे रहे।


इससे पूर्व सदन की कार्यवाही जैसे ही 11 बजे शूरू हुई वैसे ही सपा के सदस्यों ने नागरिकता संषोधन विधेयक का मुददा उठाया और नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने 311 का हवाला देते हुए कहा कि इस मसले पर चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक संषोधन विधेयक के विरोध में पूरे देश में आग लगी हुई है। उप्र में भी कानून-व्यवस्था का हाल बुरा हो गया है। उप्र के जो छात्र दिल्ली स्थित जामिया मिलिया विवि में पढते हैं उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। इस बीच सपा सदस्य वेल में आ गए और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। राम गोविंद चौधरी ने कहा कि सदन से एक प्रस्ताव पारित करके लोकसभा भेजा जाना चाहिए ताकि जन विरोधी यह कानून वापस लिया जाए।


विधान सभा अध्यक्ष हदय नारायण दीक्षित ने सपा सदस्यों से कहा कि पहले प्ले कार्ड सदन से बाहर लेकर जाए क्योंकि यह सदन की अवमानना है। साथ ही यह अनुशासनहीनता है। संसदीय कार्यमं़त्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेष में अराजकता पैदा करने की सबसे बड़ी मशीन यही हैं यह नहीं चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप चल सके। हंगामें को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। बाद में सदन का स्थगन 12.20 तक के लिए बढा दिया गया।


सदन की कार्यवाही जब 12.20 पर शुरू हुई तब नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने फिर नागरिकता संषोधन विधेयक का मामला उठाया जिस पर स्पीकर ने कहा कि पहले संसदीय कार्य मंत्री अनुपूरक मांगे सदन में प्रस्तुत कर दें। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी अनुदान मांगे सदन में प्रस्तुत की, इस अनुपूरक बजट में राज्य सरकार ने पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के लिए हुडको से लिए गए़ ऋण के भुगतान के लिए 9609400000 रूपए की व्यवस्था की है। इसी प्रकार से डिफेंस एक्सों के आयोजन के लिए 868100000 रूपए, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 50 करोड़ रूपए की व्यवस्था की है।


बजट में सरकार ने एनसीआर जिलों के लिए 25 करोड़, 23 वे राष्ट्रीय युवा उत्सव के आयोजन के लिए 18 करोड़, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के लिए एक अरब 63 करोड़ रूपए की व्यवस्था की है। बजट में 13 जिलों में जिला चिकित्सालों को उच्चीकृत कर मेडिकल कालेज बनाने के लिए 2 अरब 60 करोड़ रूपए की व्यवस्था की है।


सदन की कार्यवाही के दौरान आज सम्पूर्ण विपक्ष नागरिकता संशोधन विधेयक के आने के बाद से पूरे प्रदेश में आग लगी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा को इस आशय का एक प्रस्ताव पारित करके केन्द्र को भेजा जाए जिसमें नागरिकता संशोधन विधेयक वापस लिया जाए। इसी तरह का सुझाव बसपा विधानमंडल दल के सदस्य लालजी वर्मा ने भी दिया।


तमन्ना फरीदी