ई दिल्ली:
निम्न और मध्यम आय वाले देशों के मधुमेह (Diabetes) यानी डायबिटीज (Diabetes) से जूझ रहे लोगों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इंसुलिन के प्रसार के लिए एक पायलट कार्यक्रम की शुरुआत की घोषणा की है. इस कार्यक्रम की घोषणा विश्व मधुमेह (Diabetes) दिवस (14 नवंबर) से पहले ही घोषित कर दी गई थी . WHO के मुताबिक टाइप 2 मधुमेह (Diabetes) वाले लगभग 65 मिलियन लोगों को इंसुलिन की आवश्यकता होती है, लेकिन उनमें से केवल आधे लोग ही इसका उपयोग करने में सक्षम हैं क्योंकि इंसुलिन की कीमतें बहुत अधिक हैं . जहां तक टाइप 1 मधुमेह (Diabetes) वाले लोगों की बात है तो उन्हें जिंदा रहने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनोम घेब्येयूसस कहते हैं, '' वैश्विक स्तर पर मधुमेह (Diabetes) बढ़ रहा है और कम आय वाले देशों में तो और तेजी से बढ़ रहा है. इन देशों में बहुत से लोगों को इंसुलीन लेने में वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़ता है, या इसके बिना रहते हैं और अपने जीवन को जोखिम में डालते हैं. इंसुलिन के लिए डब्ल्यूएचओ की पूर्व-पहल उन सभी को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिन्हें इस जीवन-रक्षक उत्पाद की आवश्यकता है. "