जहानाबाद/बिंदकी/फतेहपुर
पतंजलि योगपीठ हरिद्वार,5 दिनों से चल रहे योग शिविर का समापन
हमारे धार्मिक पौराणिक ग्रंथों में इसका विवरण है की योग करने से शरीर निरोग रहता है दवाइयों से छुटकारा मिल जाते हैं और योग हमारे देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति में शामिल रहा है मौजूदा समय में हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी योग को विशेष महत्व देते हैं, उन्हीं का प्रयत्न है की योग विश्व पटल पर लोगों की पहली पसंद बन चुका है इसी क्रम में पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के योगऋषि बाबा रामदेव जी जो की हमारे देश के महान योगाचार्य हैं योग के क्षेत्र में इनके सराहनीय प्रयास किसी से भी अछूते नहीं हैं उनके शिष्य बाबा प्राण देव जी के द्वारा पिछले 5 दिनों से स्थानीय मौजी लाल रामकिशोर महाविद्यालय मैं रोजाना सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में योग की शिक्षा दी जा रही थी जिसका आज समापन दिवस था मोतीलाल रामकिशोर महाविद्यालय का यह प्रयास क्षेत्र के लोगों के लिए सराहनीय प्रयास माना जा रहा है क्योंकि योग ही एक ऐसी विद्या है जिसमें असाध्य रोगों से भी छुटकारा पाने की कला है इस अवसर पर योगाचार्य प्राणदेव एवं योगाचार्य जंग बहादुर से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि 2011 में मैं लीवर टॉन्सिल और पेट के रोगों से परेशान था दवाइयां कुछ भी काम नहीं कर रही थी इसी दौरान गाजियाबाद में बाबा रामदेव का शिविर लगा सर्दी के मौसम में भी बाबाजी मात्र एक अचला उड़े हुए थे मुझको हैरानी हुई मैंने बाबा जी से पास जाकर सवाल किया कि क्या आपको सर्दी नहीं लगती है बाबा जी ने मुझे अपने हरिद्वार स्थित आश्रम आने का आमंत्रण दिया जब मैं वहां पहुंचा और जैसे-जैसे योग के के करीब होता गया मुझे एहसास हुआ की योगी को सर्दी गर्मी यह किसी मौसम से कोई भी अंतर नहीं पड़ता है उन्होंने बताया कि हमारे यहां की शिक्षा पद्धति के साथ बहुत बड़ा मजाक किया गया है गुरुकुल की व्यवस्था को खत्म कर देने से ही भारतीय संस्कृत कल्लू होता जा रहा है आज हर मां बाप राम और कृष्ण जैसे नमस्कार योग्य पुत्र तो चाहते हैं परंतु लार्ड मैकाले के सिस्टम में अपने बच्चे को पढ़ाना अपना स्टेटस सिंबल मानते हैं यही कारण है कि कान्वेंट स्कूल गुलजार होते जा रहे हैं गुरुकुल व्यवस्था पूरी तरीके से समाप्ति के कगार पर है जबकि हमारी संस्कृत विश्व की महानतम संस्कृत में से एक है यह पूछने पर के योगा द्वारा किन-किन बीमारियों का इलाज संभव है आचार्य प्राण देव ने बताया कि इस दुनिया में कोई भी ऐसी बीमारी नहीं है जिसका इलाज योग में ना हो और ऐसा भी नहीं है कि आपको बहुत समय लेना है आप रोज सुबह शाम 10 से 15 मिनट का समय निकालकर अपनी हर बीमारी का समाधान निकाल सकते हैं और मैं तो कहता हूं की बीमार होने के बाद दवा खाने से बढ़िया है की बचाव किया जाए शरीर को इतना मजबूत रखा जाए की बीमारियां आए ही ना और ऐसा मात्र योगा में ही संभव है उन्होंने बताया कि मैं पिछले कुछ समय में ही 12 13 राज्यों का दौरा कर चुका हूं और हर जगह युवा को लेकर लोगों के दिल में स्नेह है सरकार को इस विद्या को और ज्यादा विकसित करके लोगों को निरोगी होने में सहयोग करना चाहिए उन्होंने बताया कि को एजुकेशन आज के दोषपूर्ण वातावरण का एक कारण है प्राचीन काल में गुरुकुल में हमारे भाई अलग शिक्षा लेते थे तो बहनों के लिए अलग व्यवस्था हुआ करती थी खानपान रहन सहन इतना संतुलित था की किसी भी गलत सोच के लिए जीवन में कोई स्थान ही नहीं हुआ करता था क्योंकि जब गुरु ब्रह्मचर्य का पालन करते थे तो उनका विद्यार्थी भी 25 साल की उम्र तक उनके साथ रहकर उन्हीं के बताए रास्ते का अनुकरण करते थे धर्म सर्वोपरि था परंतु आज लार्ड मैकाले के सिस्टम में हमारी शिक्षा प्रणाली को समाप्त करने के साथ-साथ समाज में गंदगी का वातावरण भी व्याप्त कर दिया है इस शिविर में रोग, नशा, बेरोजगारी, अशिक्षा, अभाव आदि से मुक्ति के साधन बताए गए लोगों ने आचार्य प्राण देव जी को पुनः जल्दी आने की शर्त पर नम आंखों से भावभीनी विदाई दी कॉलेज के प्रबंध समिति के मोदी लाल ने बताया थी आप इसी साल की भांति हर साल योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा जिस में सम्मिलित होकर लोग निरोगी जीवन का मंत्र ले सकेंगे प्रबंध समिति के सदस्य राजू यादव ने बताया कि स्थानीय लोगों को या जो लोग किसी असाध्य रोग से पीड़ित है उन्हें यहां आकर योग गुरुओं से अपने कष्टों का उचित निवारण ढूंढने का प्रयास करना चाहिए।
कलीम खान जहानाबाद सवाददाता